Union Budget 2023: मोदी सरकार (Modi Government) के दूसरा कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट जल्द ही पेश किया जाएगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी, 2023 को वित्त वर्ष 2023-24 (FY24) के लिए बजट पेश करेगी. साल 2024 चुनावी साल है. ऐसे में सरकार इस साल देश के मध्यम वर्ग को लुभाने के लिए कई तरह के फैसले कर सकती है. इस साल टैक्सपेयर्स को उम्मीद है कि सरकार टैक्स स्लैब में बदलाव करेगी. बजट भाषण देते वक्त वित्त मंत्री (Finance Minister) कई ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करती हैं जो कई बार आम लोगों को समझ में नहीं आते हैं. ऐसे में उन शब्दों का अर्थ समझना बहुत जरूरी है कि जिससे आपको बजट का सही मतलब समझ में आए. आइए जानते बजट भाषण में कॉमन इस्तेमाल होने वाले शब्दों के बारे में-
फिस्कल डेफिसिट का क्या है मतलब?
फिस्कल डेफिसिट (Fiscal Deficit) एक ऐसा शब्द है जिसका इस्तेमाल बार-बार किया जाता है. फिस्कल डेफिसिट का मतलब है राजकोषीय घाटा. सरकार के इनकम और खर्च के बीच के अंतर को फिस्कल डेफिसिट का नाम दिया गया है. इस घाटे से देश की आर्थिक स्थिति दिखती है. सरकार हर साल फिस्कल डेफिसिट के लक्ष्य को तय करती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अगले वित्त वर्ष में सरकार राजकोषीय घाटे को 6.3 फीसदी से लेकर 6.5 फीसदी रख सकती है.
डायरेक्ट टैक्स का क्या है मतलब?
डायरेक्ट टैक्स (Direct Tax) के नाम से ही इसके बारे में पता चल रहा है. डायरेक्ट टैक्स का अर्थ है वह टैक्स जो सरकार को सीधे तौर पर मिल रहा है. यह टैक्स सीधे इनकम पर लगता है और सीधे सरकार के खाते में इनकम टैक्स के रूप में जमा होता है. इनकम टैक्स के अलावा कॉरपोरेट टैक्स और वेल्थ टैक्स डायरेक्ट टैक्स के रूप में वसूले जाते हैं.
इनडायरेक्ट टैक्स का क्या मतलब है?
इनडायरेक्ट टैक्स (Indirect Tax) सीधे तौर पर न जमा होकर किसी सर्विस के जरिए वसूला जाने वाला टैक्स है. यह टैक्स किसी सर्विस प्रोवाइडर, सर्विस, प्रोडक्ट आदि पर लगता है. आपको बता दें कि सबसे कॉमन इनडायरेक्ट टैक्स जीएसटी है जो हर बिजनेसमैन को देना पड़ता है. इसके अलावा उत्पादन चार्ज, सर्विस चार्ज आदि तरह के टैक्स इनडायरेक्ट टैक्स की कैटेगरी में आते हैं.
जानें अन्य कॉमन शब्दों का मतलब?
इसके अलावा जिस शब्द का बजट में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है वह है वित्त वर्ष यानी फाइनेंशियल ईयर (Financial Year). सरकार अपने बजट की प्लानिंग एक फाइनेंशियल ईयर के हिसाब से करती है. एक वित्त वर्ष 1 अप्रैल से 31 मार्च तक चलता है. सरकार इस अवधि के बीच में तिमाही के आधार पर बजट, इनकम और टैक्स की गणना करती हैं. इसके अलावा आप ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट (GDP) शब्द का इस्तेमाल भी बजट में बहुत होता है. यह देश में बनने वाले कुल प्रोडक्ट और सर्विस की वैल्यू को कहते हैं.
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