प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्र में तीसरी बार सरकार बने एक महीने से ज्यादा हो चुके हैं. अब मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले बजट की तैयारियां जोरों पर हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अगले सप्ताह वित्त वर्ष 2024-25 का पूर्ण बजट पेश करने वाली हैं. ऐसे में बजट से विभिन्न सेक्टरों समेत आम लोगों को काफी उम्मीदें हैं.
एक ऐसी ही उम्मीद है लोगों के अपने घर के सपने से जुड़ी हुई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने हर किसी के लिए अपने घर का महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किया है. समयसीमा में विस्तार के बाद भी इस लक्ष्य को हासिल नहीं किया जा सका है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि केंद्र सरकार आगामी बजट में इसके ऊपर विशेष ध्यान दे सकती है.
2 लाख रुपये तक की मिलती है छूट
रियल एस्टेट सेक्टर का मानना है कि अगर सरकार बजट में होम लोन के ब्याज पर टैक्स छूट बढ़ाती है तो यह काफी मददगार कदम साबित हो सकता है. दरअसल इनकम टैक्स के मौजूदा नियमों के तहत घर खरीदने वाले टैक्सपेयर्स को होम लोन के ब्याज के भुगतान के बदले में टैक्स से छूट का फायदा मिलता है. अभी इस छूट की लिमिट 2 लाख रुपये है.
छूट की लिमिट 5 लाख करने की मांग
दरअसल रियल एस्टेट सेक्टर में खासकर हाउसिंग सेगमेंट में प्रॉपर्टी के दाम लगातार बढ़ रहे हैं. बीते कुछ सालों में दाम तेजी से बढ़े हैं. ऐसे में रियल एस्टेट सेक्टर से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि हाउसिंग लोन के ब्याज पर मिल रही 2 लाख रुपये तक की छूट अपर्याप्त है. इस लिमिट को बढ़ाकर कम से कम 5 लाख रुपये किया जाना चाहिए. ज्यादा टैक्स छूट मिलने से लोग घर खरीदने के लिए प्रोत्साहित होंगे, जिससे सरकार को भी अपना लक्ष्य प्राप्त करने में मदद मिलेगी.
मूल धन के पुनर्भुगतान पर डिडक्शन का लाभ
हाउसिंग लोन लेकर घर खरीदने वाले टैक्सपेयर्स को ब्याज वाली छूट के अलावा टैक्स से जुड़ा एक और फायदा मिलता है. घर खरीदार इनकम टैक्स के सेक्शन 80 सी के तहत हाउसिंग लोन के मूलधन के पुनर्भुगतान के बदले 1.5 लाख रुपये तक का डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं. एक्सपर्ट इसे भी प्रॉपर्टी की बढ़ती वैल्यू के चलते अपर्याप्त मानते हैं. उनका कहना है कि होम लोन के मूल धन के पुनर्भुगतान पर डेढ़ लाख रुपये के डिडक्शन की लिमिट को भी इस बार के बजट में बढ़ाया जाना चाहिए.
ये भी पढ़ें: बारिश ने बढ़ा दी महंगाई, सब्जियों पर खर्च हो रहा लोगों का आधे से ज्यादा पैसा!