Budget 2024: वित्त मंत्री से नारेडको की मांग, होमलोन के ब्याज पर बढ़े टैक्स छूट की लिमिट, अफोर्डेबल हाउसिंग को मिले बढ़ावा
India Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट से रियल एस्टेट सेक्टर को बहुत उम्मीदें है जो अफोर्डेबल हाउसिंग के घटते डिमांड से परेशान है.
Union Budget 2024: वित्त वर्ष 2024-25 के लिए पूर्ण बजट 23 जुलाई 2024 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी जिलमें अब एक हफ्ते से भी कम समय बचा. बिल्डरों के संस्था (National Real Estate Development Council) ने बजट को लेकर वित्त मंत्री को रियल एस्टेट से जुड़ी मांगों की फेहरिस्त सौंपी है जिसमें बजट में ऐसे कदम उठाने की मांग की गई है जिससे रियल एस्टेट सेक्टर (Real Estate Sector) के ग्रोथ को बढ़ावा दिया जा सके और सरकार के हाउसिंग फॉर ऑल (Housing For All) के लक्ष्य को हासिल किया जा सके.
होम लोन के ब्याज पर टैक्स छूट की लिमिट बढ़े
नारेडको ने प्रॉपर्टी की कीमतों में बढ़ोतरी और महंगे होम लोन को देखते हुए होमबायर्स को राहत देते हुए हाउसिंग लोन के ब्याज पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 24 के तहत मिलने वाली टैक्स छूट की लिमिट को मौजूदा 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने की मांग की है.
अफोर्डेबल हाउसिंग को मिले बढ़ावा
अफोर्डेबल हाउसिंग की लॉन्चिंग कम हो रही है तो साथ ही अफोर्डेबल हाउसिंग की सेल्स लगातार घटती जा रही है. नारडेको ने सरकार से अफोर्डेबल रेसिडेंशियल अपार्टमेंट की परिभाषा को भी बदले जाने की सिफारिश की है. अफोर्डेबल हाउसिंग के कॉरपेट एरिया और कीमतों की लंबे समय से समीक्षा नहीं की गई है. नारडेको ने कारपेट एरिया में बदलाव किए बगैर अफोर्डेबल हाउसिंग के प्राइस लिमिट को बढ़ाये जाने का प्रस्ताव दिया है. इससे मेट्रो शहरों में जमीनों की कीमतों में हुई बढ़ोतरी को शामिल करने में मदद मिलेगी साथ ही अफोर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट्स को मिलने वाले बेनेफिट्स का ज्यादा लाभ दूसरे हाउसिंग प्रोजेक्ट्स को दिया जा सकेगा. इस फैसले से कम आय और मिडिल इनकम के दायरे में आने वालों को अपना घर खरीदने का अवसर मिल सकेगा.
जीएसटी के मोर्चे पर मिले राहत
नारेडको ने सरकार से कहा है कि बिल्डरों को इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) के बिना रियायती दर पर जीएसटी का भुगतान करने या इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ लेने के बाद उच्च टैक्स रेट पर जीएसटी के भुगतान करने का विकल्प दिया जाए. वर्तमान में, अफोर्डेबल हाउसिंग यूनिट्स पर आईटीसी के बिना 1% और दूसरे रेसिडेंशियल यूनिट्स पर आईटीसी के बिना 5% जीएसटी लगाया जाता है. डेवलपर्स को ये विकल्प देने के टैक्स कॉस्ट के मोर्चे पर बचत होगी और बिल्डर्स को ज्यादा नगदी उपलब्ध हो सकेगा जिसका फायदा ग्राहकों को होगा.
रियल एस्टेट सेक्टर को मिलेगा बढ़ावा
नारेडको ने प्रेसीडेंट जी हरि बाबू ने रियल एस्टेट सेक्टर के इन सुधारों पर जोर देते हुए कहा, इन सिफारिशों को लागू किया जाता है इससे ना केवल डेवलपर्स को राहत मिलेगी बल्कि हाउसिंग सेक्टर में डिमांड को बढ़ाने में भी मदद मिलेगी. टैक्स और रेग्यूलेटरी मुद्दों पर कार्रवाई किए जाने से बिल्डर्स और होमबायर्स दोनों को फायदा होगा और सरकार के हाउसिंग फॉर ऑल के विजन को हासिल किया जा सकेगा.
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