Budget 2024: भारत सरकार वित्त वर्ष 2024-25 के लिए पूर्ण बजट इस 23 जुलाई को प्रस्तुत करेगी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लगातार 7वीं बार वित्त मंत्री के तौर पर देश का बजट संसद के पटल पर रखेंगी. भारत के बजट पर सिर्फ देश के आर्थिक संस्थानों और वित्तीय जानकारों की ही नहीं बल्कि विदेशी इकनॉमिक इंस्टीट्यूट भी नजरें बनाए हुए हैं. 


ग्लोबल ब्रोकरेज कंपनी मॉर्गन स्टैनली की भारत के बजट को लेकर राय


मोदी 3.0 सरकार के 23 जुलाई को आने वाले बजट को लेकर ग्लोबल ब्रोकरेज कंपनी मॉर्गन स्टेनले ने बुधवार को एक रिपोर्ट निकाली है. मॉर्गन स्टैनली ने यह अनुमान दिया है कि बजट में 2047 तक के 'विकसित भारत' के लिए खाका और राजकोषीय मजबूती के लिए योजना पेश की जा सकती हैं. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जुलाई के आखिरी में आने वाले बजट में 23 सालों बाद भारत को विकसित देश के तौर पर लाने के लिए मध्यम अवधि की योजनाएं प्रस्तुत करने पर फोकस रखेंगी.


नौकरी और इनकम टैक्स पर मॉर्गन स्टैनली ने बदला आउटलुक


मॉर्गन स्टैनली को अपने बेस केस के तौर पर पर्सनल इनकम टैक्स में कटौती की उम्मीद नहीं है, जैसा कि जून में मीडिया ने रिपोर्ट किया गया था. रिसर्च फर्म ने नोट में कहा कि भारत में नौकरी के मौके पैदा करने का मीडियम टर्म लक्ष्य कैपिटल एक्सपेंडिचर के जरिए हासिल किया जाएगा. इसका अनुमान है कि वित्त वर्ष 2024 में जीडीपी में पूंजीगत व्यय की हिस्सेदारी 3.2 फीसदी से बढ़कर वित्त वर्ष 2025 में 3.5 फीसदी हो जाएगी.


पावर ग्रिड और एनटीपीसी के बजट एलोकेशन का किया जिक्र


रिसर्च फर्म मॉर्गन स्टैनली ने अपने नोट में ने यह भी कहा कि सरकार अंतरिम बजट आवंटन की तुलना में पावर ग्रिड और एनटीपीसी को आवंटन बढ़ाएगी. उम्मीदें हैं कि सरकार की तरफ से टियर 2-3 शहरों में मांग बढ़ाने के लिए प्रधान मंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) में आवंटन बढ़ाने की संभावना है. ईवी प्रोत्साहन पर स्पष्टता जिसमें वर्तमान योजना के रूप में FAME 3 का लॉन्च, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम ( EMPS) 31 जुलाई, 2024 को खत्म होगा.


मॉर्गन स्टैनली की रिपोर्ट में क्या है खास



  • मॉर्गन स्टैनली का अनुमान है कि राजकोषीय सूझबूझ वाले रुख के साथ रेवेन्यू एक्सपेंडिचर के मुकाबले कैपिटल एक्सपेंडिचर पर जोर बना रहेगा. 

  • इसके साथ ही भौतिक, सामाजिक और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर तक पहुंच में सुधार के साथ टारगेटेड सोशल सेक्टर पर ध्यान दिया जाएगा.

  • बजट में यह भी उम्मीद है कि साल 2047 तक विकसित भारत के लिए रूपरेखा और प्लानिंग पर खासतौर से ध्यान दिया जाएगा.

  • इस बजट में 2025-26 से आगे राजकोषीय मजबूती के लिए एक मध्यम अवधि की योजना होने का अनुमान है.

  • बढ़ती वर्कफोर्स के लिए ज्यादा नौकरियां पैदा करने का मीडियम टर्म टार्गेट कैपिटल एक्सपेंडिचर पर ध्यान लगाकर बेहतर ढंग से हासिल किया जाएगा.


GDP को लेकर ब्रोकरेज कंपनी का अनुमान


ब्रोकरेज कंपनी ने अनुमान जताया है कि चालू वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटा लक्ष्य जीडीपी के 5.1 फीसदी पर बना रहेगा. यह अंतरिम बजट में तय लक्ष्य के मुताबिक ही है. सरकार इसके साथ ही अगले वित्त वर्ष तक इसे 4.5 फीसदी पर लाने के लक्ष्य पर कायम रहेगी. वित्त वर्ष 2023-24 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 5.6 फीसदी था. ब्रोकरेज कंपनी ने कहा कि इसके साथ टैक्स और नॉन-टैक्स रेवेन्यू बेहतर रहने की संभावना को देखते हुए राजकोषीय घाटा लक्ष्य थोड़ा कम यानी 5.1 फीसदी से कम हो सकता है.


RBI के उम्मीद से ज्यादा डिविडेंड ने भरा जोश 


रिपोर्ट के मुताबिक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) से उम्मीद से ज्यादा डिविडेंड मिलने के साथ सरकारी खजाने के मोर्चे पर गुंजाइश बेहतर हुई है. इससे कैपिटल एक्सपेंडिचर की स्पीड बनाए रखने और टार्गेट किए हुए लोक कल्याणकारी उपायों पर खर्च बढ़ाने में मदद मिलेगी.


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