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Budget 2024: स्मॉलकेस मैनेजर्स के मुताबिक, बजट के करीब शेयर बाजार में उठापटक संभव, सैलरीड क्लास को राहत की उम्मीद नहीं!

India Budget 2024: स्मॉलकेस मैनेजर्स का कहना है कि बजट के करीब शेयर बाजार में उतार चढ़ाव देखने को मिल सकता है और गिरावट निवेश के मौके लेकर आ सकता है.

Union Budget 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार तीसरे कार्यकाल का पहला बजट 23 जुलाई 2024 को पेश करने जा रही है जिसे लेकर सैलरीड क्लास (Salaried Class) से लेकर कॉरपोरेट जगत (Corporate Sector) ने बहुत उम्मीदें पाल रखी है. स्मॉलकेस (Smallcase) ने बजट को लेकर एक स्टडी किया है जिसमें 80 फीसदी से ज्यादा स्मॉलकैस मैनेजर्स का कहना है कि बजट से बहुत ज्यादा उम्मीद नहीं है केवल इंफ्रास्ट्रक्चर, पावर, रेलवे और डिफेंस सेक्टर के लिए बजट आवंटन को बढ़ाया जा सकता है. स्टडी के मुताबिक टैक्सपेयर्स को झटका लग सकता है जबकि एनडीए सरकार की पुरानी नीतियों को जारी रखा जाएगा. 

बजट के करीब बाजार में उठापटक संभव

इंवेस्टमेंट्स प्लेटफॉर्म स्मॉलकेस ने 50 स्मॉलकेस मैनेजर्स के बीच बजट से उम्मीदों को लेकर सर्वे किया है. सर्वे में भाग लेने वाले स्मॉलकेस मैनेजर्स ने कहा, राजकोषीय मोर्चे पर सरकार किसी भी प्रकार के फिजूलखर्चे से बजट में परहेज करेगी लेकिन ये बजट विस्तारवादी रहेगा और पुरानी पॉलिसी को आगे भी जारी रखा जाएगा. सर्वे में भाग लेने वाले 90 फीसदी स्मॉलकेस मैनेजर्स का मानना है कि बजट के करीब शेयर बाजार में उठापटक देखने को मिल सकती है और ऐसे में निवेशकों को लंबी अवधि को ध्यान में रखते मौके का फायदा उठाते हुए खरीदारी करने की नसीहत दी गई है. स्मॉलकेस मैनेजर्स मानते हैं कि 2024 के आखिर तक निफ्टी 25,000 तो सेंसेक्स  90,000 के आंकड़े को पार कर सकता है. 

टैक्सपेयर्स को राहत नहीं!

60 फीसदी स्मॉलकेस मैनेजर्स ने सर्वे में बताया कि उन्हें इनकम टैक्स के मोर्चे पर सैलरीड कर्मचारियों और कॉरपोरेट्स को कोई राहत की उम्मीद नहीं है. हालांकि महंगाई और दूसरे वित्तीय जिम्मेदारियों के चलते 80सी के तहत निवेश के लिए डिडक्शन लिमिट को 1.50 लाख रुपये से बढ़ाने का सुझाव दिया गया है. वित्त वर्ष 2015-15 के बजट के बाद से 80सी की तहत डिडक्शन लिमिट में कोई भी बदलाव नहीं किया गया है.   

रेलवे, पावर, डिफेंस और इंफ्रा को ज्यादा धन

स्मॉलकेस मैनेजर्स ने सर्वे में बताया है कि देश में योजनाबद्ध कैपिटल एक्सपेंडिचर में पूर्ण बजट में बढ़ोतरी जिसे अंतरिम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने11.11 लाख करोड़ रुपये रखा था. 2030 तक भारत को दुनिया की तीसरी आर्थिक शक्ति बनाने के लक्ष्य के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर, रेलवे, डिफेंस और पावर सेक्टर के लिए आवंटन बढ़ाया जा सकता है. सर्वे के मुताबिक राजकोषीय घाटे को 5 फीसदी से नीचे लाया जा सकता है क्योंकि आरबीआई से 2.11 लाख करोड़ रुपये के डिविडेंड मिलने के बाद सरकार के लिए राजकोषीय घाटे को कम करने की पूरी गुंजाइश है. सर्वे के मुताबिक अर्थव्यवस्था में तेजी और अनुपालन के चलते जीएसटी कलेक्शन बढ़ने की उम्मीद है जबकि कॉरपोरेट मुनाफे के बढ़ने के चलते डायरेक्ट टैक्स बढ़ने के आसार हैं. 

बजट का निवेशकों की स्ट्रैटजी पर असर 

सर्वे पर स्मॉलकेस के फाउंडर-सीईओ वसंत कामथ ने कहा, हम स्मॉलकेस मैनेजर्स के शुरुआती सर्वे को लॉन्च कर बेहद खुश है जिसमें निवेशकों को बजट को लेकर मार्केट की उम्मीदों और ओपिनियन के बारे में जानने का मौका मिलेगा. सर्वे में बताया गया है कि शेयर बाजार, राजकोषीय घाटा, जीडीपी और दूसरे सेक्टर्स पर क्या असर पडे़गा. बजट का अलग अलग थीम्स स्ट्रैटजी पर असर देखने को मिलेगा जिसे ध्यान में रखते हुए रिटेल निवेशकों ने एक्सपोजर लिया हुआ है. 

क्या होता है स्मॉलकेस 

स्मॉलकेस एक मॉडर्न इंवेस्टमेंट प्रोडक्ट्स है जो निवेशकों को लो-कॉस्ट, लंबी अवधि और डायवर्सिफायड पोर्टफोलियो तैयार करने में मदद करता है. स्मॉलकेस स्टॉक और ईटीएफ के पोर्टफोलियो का एक बास्केट है.और स्मॉलकेस मैनेजर्स फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स हैं जो स्मॉलकेस को बनाने से लेकर मैनेज करते हैं.  

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