Budget 2024: लगातार घट रहा था FDI, बजट में वित्त मंत्री ने चल दिया विदेशी पूंजी के नियम आसान करने का दांव
Union Budget 2024: बजट 2024 में सरकार ने एफडीआई के नियमों को आसान बनाने का ऐलान किया है. पिछले कुछ समय से देश में आने वाले एफडीआई में गिरावट देखी जा रही थी. ऐसे में सरकार ने यह जरूरी कदम उठाया है.
Union Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया. इस बजट में सरकार ने महिलाओं, छात्रों और देश में रोजगार को बढ़ावा देने के लिए कई ऐलान किए. बजट 2024 में सरकार ने विदेशी निवेश को आसान बनाने के लिए फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (FDI) से जुड़े कई नियमों में बदलाव करके उसे सरल बनाने का ऐलान किया. सरकार का यह कदम एफडीआई के लिहाज से बहुत अहम हो सकता है क्योंकि पिछले कुछ समय में देश में एफडीआई में गिरावट दर्ज की जा रही है.
FDI के नियमों को बनाया जाएगा आसान- वित्त मंत्री
वित्त वर्ष 2025-26 में एफडीआई को प्रोत्साहित करने के लिए वित्त मंत्री ने एफडीआई के नियमों को आसान बनाने की बात कही है. अपने बजट भाषण के दौरान निर्मला सीतारमण ने कहा कि एफडीआई को आसान बनाने और विदेशी निवेश को बढ़ावा देने के लिए एफडीआई से संबंधित नियमों को आसान बनाया जाएगा. इससे विदेशी निवेश के रूप में भारतीय रुपये के इस्तेमाल को भी बढ़ावा मिलेगा.
गौरतलब है कि भारत में पिछले कुछ समय में सॉफ्टवेयर, व्हीकल, दवा, हार्डवेयर, कंप्यूटर, मेडिकल जैसे कई क्षेत्रों में एफडीआई में गिरावट दर्ज की गई है. ऐसे में वित्त वर्ष 2023-24 में एफडीआई का इक्विटी फ्लो 44.42 अरब डॉलर पर आ गया है और इसमें कुल 3.49 फीसदी की गिरावट देखी गई है. पिछले वित्त वर्ष में मॉरीशस, अमेरिका, सिंगापुर, ब्रिटेन, यूएई, जर्मनी, केमैन आइलैंड्स और साइप्रस जैसे देश से आने वाली एफडीआई में गिरावट दर्ज की गई .
इन क्षेत्रों में FDI के लिए चाहिए सरकारी मंजूरी
भारत में कंपनी किस क्षेत्र के लिए एफडीआई प्राप्त करना चाहती है, इस पर एफडीआई की राशि और नियम तय होता है. एफडीआई के नियमों के उल्लंघन पर विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) के नियमों के तहत दंडात्मक कार्रवाई होती है. आमतौर पर ज्यादातर सेक्टरों एफडीआई की मंजूरी नियमों के तहत आसानी से मिल जाती है, लेकिन कुछ मामलों जैसे मीडिया, मेडिसिन और इंश्योरेंस सेक्टर में एक तय सीमा से ज्यादा विदेशी निवेश पर कंपनियों को सरकारी मंजूरी लेनी पड़ती है. इसके अलावा लॉटरी बिजनेस, जुआ, सट्टेबाजी, चिट फंड, निधि कंपनी, रियल एस्टेट बिजनेस, सिगार, चुरूट और सिगरेट बनाने वाले आठ सेक्टरों में सरकार ने एफडीआई पर रोक लगा रखी है.
एक्सपर्ट्स ने सरकार के कदम का किया स्वागत
Deloitte India के इकोनॉमिस्ट रुमकी मजूमदार ने सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि एफडीआई के नियमों को सरल बनाने और विदेशी निवेश में भारतीय रुपये को बढ़ावा देना एक अच्छा कदम है. इससे देश में कैश फ्लो बढ़ेगा और इससे भारतीय रुपये की मांग भी बढ़ेगी जिससे इसकी कीमतों को बल मिलेगा.
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