Budget 2024 Expectations: बजट में कम होगा प्रीमियम? वित्त मंत्री से बीमा उद्योग कर रहा ये डिमांड
Budget 2024 Expectations: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को सुबह 11 बजे अपना सातवां बजट भाषण पेश करेंगी. बजट से ठीक पहले बीमा क्षेत्र ने वित्त मंत्री के सामने कई मांग रखी है.
Budget 2024 Expectations: बजट 2024 को पेश होने में अब बस दो दिन का ही वक्त बचा है. ऐसे में देश के बिजनेस क्लास से लेकर टैक्सपेयर्स, युवा, छात्र, किसान आदि सभी वर्ग वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से उम्मीद लगाकर बैठे हैं. वित्त मंत्री इस बार अपना सातवां बजट पेश करने वाली हैं, जिस पर करोड़ों लोगों की नजरें टिकी हैं. अलग-अलग सेक्टर ने बजट से ठीक पहले वित्त मंत्री के सामने अपनी मांग रखी है. इसमें इंश्योरेंस सेक्टर भी शामिल है. इंश्योरेंस रेगुलेटर IRDAI ने देश के हर व्यक्ति तक साल 2047 तक इंश्योरेंस की सुविधा पहुंचाने का लक्ष्य रखा है. ऐसे में इंश्योरेंस सेक्टर ने वित्त मंत्री के सामने कुछ अहम मांग रखी हैं.
नई कैटेगरी बनाने की है मांग
इंश्योरेंस सेक्टर से जुड़ी कंपनियां लंबे वक्त से सरकार से यह मांग कर रही है कि टैक्सपेयर्स को इंश्योरेंस पर लगने वाले प्रीमियम के लिए अलग कैटेगरी के तहत छूट मिलनी चाहिए. इससे लंबी अवधि में इंश्योरेंस सेक्टर में निवेश करने पर ग्राहकों को अच्छा लाभ मिलेगा और कंपनियों को इसका फायदा मिल सकेगा.
ग्रामीण इलाकों पर हो सरकार का फोकस
इंश्योरेंस सेक्टर के जुड़े एक्सपर्ट लंबे वक्त से सरकार से यह मांग कर रहे हैं कि वह ऐसी योजनाएं बनाएं जिससे गांवों में रहने वाली आबादी को भी इंश्योरेंस का ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके. गौरतलब है कि देश की 65 फीसदी आबादी आज भी गांव में रहती है. ऐसे में इस वर्ग तक इंश्योरेंस की पहुंच को बढ़ाने के लिए सरकार से बेहतर मदद की मांग की जा रही है.
इंश्योरेंस प्रोडक्ट पर GST हो कम
बीमा क्षेत्र से जुड़े लोग लंबे वक्त से इंश्योरेंस उत्पादों पर लगने वाले जीएसटी को कम करने की मांग कर रहे हैं. फिलहाल सरकार लाइफ इंश्योरेंस पर 18 फीसदी जीएसटी लगा रही है. इससे इंश्योरेंस प्रोडक्ट महंगे हो जाते हैं और यह आम आदमी की जेब पर ज्यादा बोझ बढ़ता है. इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का यह मानना है कि बीमा कोई लग्जरी आइटम नहीं है. ऐसे में इस पर जीएसटी को कम करना चाहिए.
एन्युटी को टैक्स फ्री करने की है मांग
इंश्योरेंस सेक्टर से जुड़े लोग लंबे वक्त से एन्युटी पर लगने वाले टैक्स को कम करने या खत्म करने की मांग कर रहे हैं. कई लोग रिटायरमेंट प्लानिंग के तहत एन्युटी लेते हैं. ऐसे में रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली एन्युटी पर उन्हें टैक्स देना पड़ता है. अगर सरकार इसे टैक्स के दायरे से बाहर कर दें तो इससे ग्राहकों को बड़ा लाभ मिलेगा.
80C की लिमिट बढ़ाने की है मांग
लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम को 80सी के तहत क्लेम किया जा सकता है. इसकी लिमिट 1.50 लाख रुपये तय की गई है. लंबे वक्त से टैक्सपेयर्स के साथ-साथ बीमा कंपनियों की यह मांग है कि 80सी के तहत मिलने वाले 1.50 लाख रुपये की छूट को बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दिया जाए.
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