इनकम टैक्स के लिहाज से बजट हर साल अहम इवेंट होता है. सरकार टैक्स से जुड़े बदलावों का ऐलान बजट में करती आई है. अभी हाल-फिलहाल में कुछ सालों से फोकस नई टैक्स व्यवस्था पर शिफ्ट हुआ है. इस साल भी बजट में टैक्स से जुड़े बदलाव हो सकते हैं. आइए इस सप्ताह पेश होने जा रहे बजट से पहले मौजूदा कर व्यवस्थाओं के बारे में समझते हैं.


इनकम टैक्स की दो व्यवस्थाएं


अभी इंडिविजुअल इनकम टैक्स की दो व्यवस्थाएं मौजूद हैं, जिन्हें ओल्ड टैक्स रिजीम और न्यू टैक्स रिजीम के नाम से जाना जाता है. नई टैक्स व्यवस्था को अब डिफॉल्ट बना दिया गया है. यानी कोई टैक्सपेयर अगर रिजीम नहीं चुनता है तो उसका आईटीआर नई व्यवस्था में फाइल होगा. पुरानी टैक्स व्यवस्था में आईटीआर भरने के लिए टैक्सपेयर्स को अलग से डिक्लेरेशन देने की जरूरत पड़ रही है. इसका कारण है कि सरकार नई कर व्यवस्था को स्वाभाविक विकल्प बनाना चाहती है.


नई व्यवस्था में हुए थे सारे बदलाव


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इससे पहले वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में टैक्स से जुड़े जिन बदलावों का ऐलान किया था, वे सारे बदलाव नई कर व्यवस्था में ही किए गए थे. ओल्ड टैक्स रिजीम में उन्होंने कोई बदलाव नहीं किया था. नई व्यवस्था को डिफॉल्ट टैक्स रिजिम बनाने का फैसला भी पिछले बजट में किया गया था.


नई कर व्यवस्था में पिछली बार हुए ये बदलाव


नई और पुरानी दोनों तरह की कर व्यवस्था में 5 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं है. पिछले साल बजट में नई कर व्यवस्था के लिए इस रिबेट को 5 लाख से बढ़ाकर 7 लाख रुपये करने का प्रस्ताव किया गया था. यानी नई टैक्स व्यवस्था में 7 लाख रुपये तक कमाने वाले को कोई टैक्स नहीं देना होगा.


नई व्यवस्था में टैक्स स्लैब और रेट


वित्त मंत्री ने नई कर व्यवस्था में आयकर छूट की सीमा को बढ़ाकर 3 लाख रुपये करने का भी ऐलान किया था. उसके साथ ही टैक्स स्लैब में भी बदलाव हुए थे. टैक्स स्लैब की संख्या घटाकर 5 की गई थी. रिवाइज्ड स्लैब के तहत, 0 से 3 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं है. 3 से 6 लाख रुपये तक की आय पर 5 फीसदी, 6 से 9 लाख रुपये तक की आय पर 10 फीसदी, 9 से 12 लाख रुपये तक की आय पर 15 फीसदी, 12 से 15 लाख रुपये तक की आय पर 20 फीसदी और 15 लाख रुपये से ऊपर की सालाना कमाई पर 30 फीसदी टैक्स लगता है.


पुरानी कर व्यवस्था में टैक्स की दरें


पुरानी टैक्स व्यवस्था में कर की दरों की बात करें तो पुरानी कर व्यवस्था में 2.5 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं है. 2.5 लाख से 5 लाख रुपये तक की आय पर 5 फीसदी, 5 लाख से लेकर 10 लाख रुपये तक की आय पर 20 फीसदी और 10 लाख रुपये से ऊपर की आय पर 30 फीसदी टैक्स लगता है. पुरानी व्यवस्था में HRA, 80C जैसी करीब 70 कटौती और छूट मिलती हैं.


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