Budget 2024: विदेशी निवेश को बूस्ट करने के लिए वित्त मंत्री ने उठाया कदम, कॉरपोरेट टैक्स कर दिया कम
Union Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को बजट पेश किया. इस दौरान उन्होंने विदेशी कंपनियों को कई राहत दी हैं.
Union Budget 2024: मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट मंगलवार, 23 जुलाई को वित्त निर्मला सीतारमण ने संसद में पेश कर दिया. यह बजट वित्त वर्ष 2024-25 के लिए प्रस्तुत किया गया है. बजट में सरकार ने किसानों से लेकर महिलाओं, युवाओं आदि के लिए कई ऐलान किए हैं. इसके साथ ही अलग-अलग सेक्टरों के लिए भी वित्त मंत्री ने पिटारा खोला है. विदेशी निवेश को बढ़ाने के लिए सरकार ने बजट में बड़े ऐलान किए हैं. विदेशी कंपनियों पर लगने वाले कॉरपोरेट टैक्स (Corporate Tax) को घटाकर 35 फीसदी कर दिया गया है.
इसके साथ ही सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए विदेशी कंपनियों की इनकम पर लगने वाले टैक्स की दरों को भी घटाने का फैसला किया है. इसके बाद इसे 40 फीसदी से कम करके 35 फीसदी करने का निर्णय लिया गया है.
इकोनॉमिक सर्वे में चीन से एफडीआई का किया गया समर्थन
- सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में इकोनॉमिक सर्वेक्षण रिपोर्ट को पेश किया था.
- इस रिपोर्ट में भी विदेशी निवेश को बढ़ाने पर जोर दिया गया था.
- खास बात ये है कि सीमा विवाद के बावजूद लोकल मैन्युफैक्चरिंग को गति देने के लिए चीन से एफडीआई को बढ़ावा देने की बात कही गई थी.
- पिछले कुछ सालों में अमेरिका और यूरोप के देशों का चीन के साथ तनाव बढ़ा है. ऐसे में यह देश चीन से अपने मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स को शिफ्ट करने के बारे में सोच रहे हैं.
- ऐसे में भारत के लिए यह एक बेहतरीन मौका हो सकता है, जब चीनी कंपनियां भारत में निवेश करके देश में मैन्युफैक्चरिंग को गति दें.
कॉरपोरेट टैक्स कम करने पर एक्सपर्ट्स ने दी यह प्रतिक्रिया
कॉरपोरेट टैक्स को 35 फीसदी करने के सरकार के कदम पर एक्सपर्ट्स ने हैरानी जताई है. Deloitte India पार्टनर रोहिंटन सिधवा ने कहा कि सरकार के कॉरपोरेट टैक्स में ढील देने के फैसले से वह आश्चर्यचकित हैं. वित्त मंत्री के इस फैसले की उम्मीद उन्हें नहीं थी.
सरकार ने एफडीआई के नियमों में दी ढील
कॉरपोरेट टैक्स को कम करने के अलावा सरकार ने एफडीआई के नियमों को आसान बनाने के लिए भी कई कदम उठाए हैं. बजट में सरकार ने विदेशी निवेश को आसान बनाने के लिए फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (FDI) से जुड़े कई नियमों को सरल बनाने की बात कही है. सरकार ने यह कदम एफडीआई में आई गिरावट के बाद उठाया है. वित्त वर्ष 2023-24 में देश में आने वाली कुल एफडीआई में 3.9 फीसदी की कमी देखी गई है और यह 44.42 अरब डॉलर तक पहुंच गया है.
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