नई दिल्लीः बजट 2019 से पहले शेयर बाजार के कारोबारी सतर्क रुख रखकर ट्रेडिंग कर रहे हैं. जानकारों के मुताबिक 2019 लोकसभा चुनाव से पहले इस समय ऐसे सेक्टर्स में निवेश करना फायदेमंद होगा जिसको मोदी सरकार की नीतियों का फायदा मिल रहा है. अब चूंकि आम चुनाव सामने हैं तो पापुलिस्ट बजट की संभावना को पूरी तरह खारिज नहीं किया जा सकता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ऐसी भी खबरें आ रही हैं कि सरकार पूर्ण बजट पेश कर सकती है. सरकार इस समय पूरे उत्साह में है क्योंकि इसने लंबे समय से लंबित कई कामों को पूरा किया है जिससे मिडिल क्लास को फायदा मिल सकता है. चाहे वो कई सरकारी कर्मचारियों के लिए 7वें वित्त आयोग की सिफारिशें मंजूर करना हो या आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10 फीसदी आरक्षण का वादा पूरा करना हो.
एनडीए सरकार शुरुआत से ही ग्रामीण विकास और कृषि के संवर्धन की हिमायती रही है और इसलिए कहा जा सकता है कि ये दोनों ही क्षेत्र इस बजट में भी सरकार की प्राथमिकता पर रहेंगे. इसका साफ अर्थ है कि अगर सरकार एग्रो प्रोडक्ट्स, एग्री सेक्टर और इससे जुड़े सेक्टर्स के लिए कुछ बड़े कदमों का एलान करती है तो इस सेगमेंट के तहत आने वाली कंपनियों के शेयरों पर अच्छा असर देखा जा सकता है और ये ग्रामीण अर्थव्यवस्था के जुड़े स्टॉक्स के अलावा भी अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं.
किन शेयरों में आ सकती है तेजी
आर्थिक जानकारों के मुताबिक एचयूल (हिंदुस्तान यूनीलिवर) डाबर, आईटीसी जैसे शेयरों में बुल रन यानी तेजी देखे जाने की उम्मीद है अगर मोदी सरकार के बजट में उम्मीदों के मुताबिक किसानों, कृषि उत्पादों और गावों के लिए कुछ अच्छे एलान किये जाते हैं.
इसके अलावा इंफ्रा शेयर और रियल एस्टेट सेक्टर के लिए भी इस बार अच्छी संभावनाएं हैं. सरकार 2022 तक सबको घर देने की अपनी महत्वाकांक्षी योजना के तहत अफोर्डेबल हाउसिंग के लिए अगर कुछ बड़े कदमों का एलान करती है तो इससे हाउसिंग सेक्टर, इंफ्रा सेक्टर, रियल एस्टेट सेक्टर और कंस्ट्रक्शन सेक्टर को बूस्ट मिल सकता है.
इसके अलावा ये भी अटकलें लगाई जा रही हैं कि मोदी सरकार होम लोन के टैक्स नियमों में कुछ बदलाव या छूट जैसे कदम उठा सकती है, वहीं इंश्योरेंस यानी बीमा उत्पादों के लिए भी कुछ योजनाएं ला सकती है. अगर ऐसा हो जाता है तो हाउसिंग फाइनेंस, निजी बैंकिग शेयरों और इंश्योरेंस से जुड़े सेक्टर्स के शेयरों में उछाल देखा जा सकता है. एक बड़ा एलान ये हो सकता है कि नेशनल इंश्योरेंस कंपनी, ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी और युनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी को एक साथ विलय कर दिया जाए जिसको लेकर काफी समय से कयास लगाए जा रहे थे. लिहाजा इस बजट में इसको लेकर भी कुछ किया जा सकता है.
सेंसेक्स-निफ्टी
पिछली बार प्रॉपर्टी की बिक्री पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस लगाए गए थे और एमएसएमई की तरफ से इसको कम किए जाने की मांग की जा रही थी. इसके अलावा कॉर्पोरेट टैक्स में कमी करने की मांग को अगर पूरा किया जाता है तो इससे शेयर बाजार को काफी अच्छा सेंटीमेंट मिलेगा और सेंसेक्स और निफ्टी में शानदार तेजी देखने को मिल सकती है.
BUDGET 2019: स्टार्टअप्स की हैं कुछ उम्मीदें, सरकार से कर रहे हैं बड़ी मांग
BUDGET 2019: जेम्स एंड ज्वैलरी इंडस्ट्री की सोने पर इंपोर्ट ड्यूटी घटाकर 4% करने की मांग
सरकार का तोहफाः केंद्रीय संस्थानों में 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होंगी, मिलेगी बढ़ी हुई सैलरी
पूर्ण बजट के बजाय वोट ऑन अकाउंट पेश करेगी गुजरात सरकार