Relief to Homebuyers: होम बायर्स (Home buyers) के लिये राहत की खबर है, जो घर की डिलिवरी में देरी ( Delay in Possession ) करने के बिल्डर्स ( Builders) के हथकड़ों से परेशान है. कोई भी बिल्डर, घर खरीदार को अनिश्चितकाल तक के लिये घर का पजेशन देने के लिये बाध्य नहीं कर सकता है. राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) ने कहा है कि रियल एस्टेट बिल्डर्स (Real Estate Builders) किसी भी हाउसिंग प्रोजेक्ट (Housing Project) की डिलिवरी में देरी के लिए अप्रत्याशित घटना ( Force Majeure) जैसे प्रावधान का सहारा नहीं ले सकता है. एनसीडीआरसी के मुताबिक होमबायर्स को उनके घर की डिलिवरी के लिये अनिश्चित काल तक इंतजार करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है. कमीशन ने एक मामले की सुनवाई के दौरान ये बातें कही है.
मामला गुड़गांव के सेक्टर 62 का है, जहां पायनियर अर्बन लैंड एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के हाउसिंग प्रोजेक्ट में 5,514 वर्ग फुट अपार्टमेंट के लिए दो घर खरीदारों ने 5.68 करोड़ रुपये का भुगतान किया था. दोनों खरीदारों ने 2012 में लग्जरी फ्लैट्स को बुक किया था, जिसके लिए मार्च 2016 तक पजेशन देने का वादा किया गया था, लेकिन भुगतान किए जाने के बावजूद 2018-19 तक पजेशन नहीं दिया गया. होमबायर्स की शिकायत थी कि घऱ की कीमत का 90 फीसदी रकम देने के बावजूद, बिल्डर वादा किए गए समय अवधि के भीतर फ्लैटों का कब्जा देने में विफल रहा है. और निकट भविष्य में भी पजेशन देने के हालत में नहीं है.
अप्रत्याशित घटना का बहाना नहीं बना सकते बिल्डर
National Consumer Disputes Redressal Commission (एनसीडीआरसी) ने अपने फैसले में कहा है कि बिल्डर ने परियोजना में "देरी की रणनीति ' के लिये अप्रत्याशित घटना' को जिम्मेदार बताया है ये अपने दायित्वों को पूरा नहीं करने का प्रयास प्रतीत होता है. कोर्ट ने बिल्डर को 9 फीसदी के सलाना ब्याज के हिसाब से होमबायर का पैसा लौटाने का आदेश दिया है. बिल्डर को दो महीने तक पैसा लौटाने का वक्त दिया गया है. एनसीडीआरसी ने कहा कि होमबायर से रकम मिलने के बावजूद तय समय में बिल्डर घर की डिलिवरी देने में विफल रहा. घर खरीदारी को अनिश्चतकालीन तक इंतजार नहीं कराया जा सकता है.
बिल्डर की अजीबोगरीब दलीलें
बिल्डर ने अपनी दलील में कहा कि कई होमबायर्स तय समय के भीतर रकम देने में विफल रहे हैं जबकि उन्हें कई नोटिस और डिमांड लेटर जारी किये गये हैं. बिल्डर ने ये भी दलील दी कि सरकारी अप्रूवल मिलने में देरी के चलते प्रोजेक्ट में देरी होती चली गई. बिल्डर ने कहा कि राजधानी दिल्ली में कॉमनवेल्थ गेम्स विलेज के आयोजन से लेबर की कमी हो गई तो दिल्ली एनसीआर में पानी की कमी की प्रोजेक्ट में देरी का कारण है.
होमबायर को नहीं कराया जा सकता इंतजार
लेकिन कोर्ट ने सबकी दलील सुनने के बाद कहा कि होमबायर ने अपनी तरफ से पूरा भुगतान कर दिया था इसलिये दूसरे होमबायर्स ने समय पर भुगतान नहीं किया या बिल्डर उनसे पैसा लेने में विफल रहा है तो जिन्होंने पैसा दे दिया उन्हें घर की डिलिवरी के लिये इंतजार नहीं कराया जा सकता.
कोर्ट ने कहा कि प्रोजेक्ट के निर्माण को रोकने या निलंबित करने के लिये कोई नियम कानून बनाया गया या कोई आदेश नहीं दिया गया. प्रोजेक्ट स्थल पर मजदूरों द्वारा कोई हड़ताल का सबूत भी नहीं है. नागरिकों द्वारा हंगामा, युद्ध, दुश्मन की कार्रवाई, आतंकवादी कार्रवाई, भूकंप या कोई भी कार्य नहीं था जो परियोजना के निर्माण में देरी कर रहा हो. बिल्डर कोर्ट के सामने यह साबित करने में विफल रहा कि कोई अप्रत्याशित और अप्रत्याशित घटना थी जिसने निर्धारित समय अवधि के भीतर परियोजना को पूरा नहीं किया जा सका.
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