कोरोना संक्रमण की वजह से लगे भारी आर्थिक झटकों की वजह से भारतीय कॉरपोरेट कंपनियों को जबरदस्त घाटा हुआ है. पहली तिमाही में उनका मुनाफा 83 फीसदी (2019 की पहली तिमाही की तुलना में) तक घट गया. इस दौरान पिछले साल की समान अवधि में जीडीपी में 23.9 फीसदी की भारी कमी आ गई. लेकिन वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में इसमें अच्छी रिकवरी की संभावना जताई जा रही है. कंपनियों को कॉरपोरेट टैक्स में कमी का फायदा हो सकता है.


एक्सपोर्ट और रेलवे की माल ढुलाई बढ़ी


बिजनेस एक्टिविटी के डेटा बताते हैं कि अर्थव्यवस्था में सुधार दिख रहा है. रिकवरी उम्मीद से ज्यादा तेजी से हो रही है. गाड़ियों की अच्छी बिक्री, रेलवे की माल ढुलाई में इजाफा और मैन्यूफैक्चरिंग पीएमआई में बढ़त से साफ है कि बिजनेस एक्टिविटी ने सितंबर में रफ्तार पकड़ी है. जुलाई और अगस्त की धीमी रफ्तार की तुलना में यह काफी अच्छी ग्रोथ है. सितंबर में निर्यात में 5.3 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई थी. जबकि अगस्त में इसमें 12.7 फीसदी की भारी गिरावट दर्ज की गई थी. विश्लेषकों का कहना है कि एक्सपोर्ट ने 98 फीसदी तक भरपाई कर ली है. हालांकि घरेलू मांग में कमी की वजह कोर आयात में गिरावट दर्ज की गई है.


कंज्यूमर बढ़ा रहे हैं खपत और खर्च


बिजनेस एक्टिविटी बेहतर रही लेकिन इंडस्ट्रियल ग्रोथ के कमजोर पड़ने से इसमें जितनी रफ्तार आनी चाहिए, उतनी नहीं आ पाई है. इस बीच, नोमुरा का India Business Resumption Index ( NBRI) लॉकडाउन के बाद पहली बार 82.3 फीसदी (20 सितंबर) पर पहुंच गया. इस रिपोर्ट का कहना है कि लॉकडाउन में बिजनेस गतिविधियों में भारी गिरावट आई थी. लेकिन अब कंज्यूमर कोरोना संक्रमण की ज्यादा परवाह न करते हुए खपत और खरीदारी बढ़ा रहे हैं. हालांकि रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2020-21की दूसरी तिमाही में जीडीपी में 10.4 फीसदी तक गिरावट सकती है. लेकिन आईटी सर्विसेज, इलेक्ट्रिक यूटिलिटीज, कंज्यूमर गुड्स और फार्मास्यूटिकल्स में अच्छी ग्रोथ हो सकती है.


इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में सुधार के संकेत, सितंबर में पैसा निकालने की रफ्तार धीमी


अमेजन ने फ्यूचर को अदालत में घसीटा, कहा-रिलांयस को हिस्सेदारी बेचने में हमारा करार तोड़ा