कोरोनावायरस संक्रमण से पैदा हालातों की वजह से भारत का उद्योग जगत भारी निराशा के दौर में है. अप्रैल-जून तिमाही में बिजनेस कॉन्फिडेंस इंडेक्स में 40 फीसदी की बड़ी गिरावट दर्ज की गई है और 46.4 पर पहुंच गया. नेशनल काउंसिल ऑफ अप्लाइड इकनॉमिक रिसर्च यानी NCEAR के बिजनेस कॉन्फिडेंस इंडेक्स के मुताबिक बिजनेस सेंटिमेंट में पिछले एक साल में 62 फीसदी की भारी गिरावट आई है . इससे पहले 1991 में इतनी गिरावट आई थी.


600 कंपनियों के हुआ था सर्वे 


एनसीईएआर ने शुक्रवार को अपने बयान में कहा कि बिजनेस सेंटिमेंट में एक साल पहले की तुलना में 62 फीसदी की भारी गिरावट आई है और जून तिमाही में बीसीआई 46.4 अंक पर रहा. तिमाही आधार पर इसमें 40.1 फीसदी की कमी आई है. वित्त वर्ष 2020 की अंतिम तिमाही में उससे पहले की तिमाही की तुलना में 30.4 फीसदी गिरावट आई थी. NCEARने बिजनेस सेंटिमेंट के आकलन के लिए 600 कंपनियों का सर्वे किया था. इनमें से 17.1 का कहना था कि अगले छह महीनों में हालात में सुधार हो सकते हैं. वहीं 19.8 फीसदी ने कहा कि अगले छह महीनों में कंपनियों की वित्तीय स्थिति सुधर सकती है. NCEAR के बिजनस एक्सपेक्टेशन सर्वे (BES) में देश के अलग-अलग हिस्सो में बिजनस सेंटिमेंट भी अलग हैं. उत्तर भारत का BES जून तिमाही में 25.1 फीसदी बढ़ा. पूर्वी और पश्चिमी भारत में इसमें क्रमशः 89.3 फीसदी और 68.1 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई. NCEAR के सर्वे के मुताबिक दक्षिण भारत में यह -53.9 फीसदी रहा.

रोजगार के आंकड़े भी बेहद खराब


सर्वे में रोजगार के भी खराब आंकड़े आए हैं. कंपनियों के आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2020 की चौथी तिमाही में अकुशल कामगारों के रोजगार में 6.7 फीसदी की कमी आई थी जो इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में बढ़कर 46 फीसदी हो गई. वहीं कुशल कामगारों के लिए जून तिमाही में यह आंकड़ा 18.2 फीसदी रहा जो पिछली तिमाही में 4.3 फीसदी था.


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