Business Cycle Fund: बिजनेस साइकिल फंड एक तरह के थीमैटिक फंड हैं. थीमैटिक फंड का मतलब होता है कि कुछ चुनिंदा सेक्टर का पोर्टफोलियो जो किसी न किसी तरह से एक दूसरे से सम्बंधित हों. उदहारण के तौर पर यदि हम एक इंफ्रास्ट्रक्टर थीम की बात करें तो उसमे पावर, सीमेंट, टेलीकॉम, सर्विसेज जैसे सेक्टर शामिल होंगे वहीं यदि हम कंजम्शन थीम की बात करें तो उसमे एमएमसीजी, सर्विसेज, बैंकिंग, आईटी इत्यादि सेक्टर्स हो सकते हैं. लेकिन बिजनेस साइकिल फंड में ऐसा नहीं है यहां पर बिजनेस साइकिल के मुताबिक सेक्टर में बदलाव किया जा सकता है. यानि कि बिजनेस साइकिल फंड दूसरे थीमेटिक फंड से कई मायनों में अलग होते हैं. सामान्य तौर पर किसी थीमेटिक फंड के पोर्टफोलियो में उस थीम से सम्बंधित लगभग चार से पांच सेक्टर्स हो सकते हैं किन्तु एक बिजेनस साइकिल फंड का निवेश  सभी तरह से सेक्ट्स और सभी तरह के मार्किट कैप वाले स्टॉक्स में हो सकता है. 


बिजनेस साइकिल फंड की खासियत
जोखिम की दृष्टि से थीमेटिक फंड को सेक्टोरल फंड और डाइवर्सिफाइड फंड के बीच रखा जा सकता है. जहां एक सेक्टोरल फंड एक ही सेक्टर के शेयरों में निवेश करता है वहीं एक डाइवर्सिफाएड फंड में सभी सेक्टर की कंपनियों में निवेश का अवसर होता है. एक बिजनेस साइकिल फंड की तुलना एक डाइवर्सिफाइड फंड से की जाए तो जहां एक ओर एक डाइवर्सिफाइड फंड के पोर्टफोलियो में हर बिजनेस साइकिल में हर प्रकार के सेक्टर शामिल हो सकते हैं वहीं एक बिजनेस साइकिल फंड में सेक्टर्स का रोटेशन होता रहता है. बिजनेस साइकिल के अनुसार जिन सेक्टर से अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद की जाती है उन सेक्टर को इस तरह के फंड के पोर्टफोलियो में शामिल किया जाता है. 


बिजनेस साइकिल के मुताबिक सेक्टर का चुनाव अहम
सामान्यतया चयन की एक विशेष प्रक्रिया के आधार पर पहले बिजनेस साइकिल के अनुरूप सेक्टर का चुनाव किया जाता है और फिर उन सेक्टर के आर्थिक तौर पर मजबूत कम्पनियां चुनी जाती हैं. बिजनेस साइकिल फंड के पोर्टफोलियो में डिफेन्सिव और नॉन-डिफेंसिव सेक्टर हो सकते हैं. डिफेंसिव सेक्टर जैसे कि फार्मास्यूटिकल, एफएमसीजी, आईटी और टेलीकॉम इत्यादि स्थिर होते हैं और ये सेक्टर आर्थिक मंदी के दौर में भी ठीक प्रदर्शन कर सकते हैं किन्तु नॉन-डिफेंसिव सेक्टर जैसे कि फाइनेंशियल, इंफ्रास्ट्रक्चर, ऑटोमोबाइल, सीमेंट इत्यादि आर्थिक तेजी के दौर में बेहतर प्रदर्शन करते हैं.


निवेश में मिलता है अच्छा रिटर्न
शेयर बाजार का प्रदर्शन काफी हद तक बिजनेस साइकिल पर निर्भर होता है और क्योंकि एक बिजनेस साइकिल फंड में सेक्टर का रोटेशन होता है. इसलिए इस श्रेणी के फंड सभी परिस्थितियों में अच्छा प्रदर्शन करने की क्षमता रखते हैं. एक बिजनेस साइकिल में 4 चरण होते हैं एक्सपैंशन यानि विस्तार, पीक यानि तेजी, कॉन्ट्रैक्शन यानि संकुचन और स्लंप यानि मन्दी. अक्सर देखा गया है कि बिजनेस साइकिल के बदलाव पर कुछ शेयरों का प्रदर्शन भी बदल जाता है. ऐसे में यदि निवेश का पोर्टफोलियो बिजनेस साइकिल के अनुरूप हो तो इससे बेहतर रिटर्न की उम्मीद की जा सकती है.