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(Source: Dainik Bhaskar)
बिजनेस में रफ्तार का दौर शुरू, कारोबार की गतिविधियां प्री-कोविड लेवल पर
नोमुरा ने कहा है कि लेबर मार्केट में कम पार्टिसिपेशन अभी भी चिंता का विषय बना हुआ है. पिछले सप्ताह लेबर पार्टिसिपेशन 40.6 फीसदी से घट कर 40.3 फीसदी पर पहुंच गया.
देश में बिजनेस गतिविधियां लगभग प्री-कोविड लेवल पर पहुंच चुकी हैं. संक्रमण से इकनॉमी की रिकवरी को ट्रैक करने वाले नोमुरा इंडिया बिजनेस रिजम्पशन इंडेक्स के मुताबिक फेस्टिवल सीजन में मोबिलिटी बढ़ी है, जो इकनॉमी में रिकवरी का संकेत दे रही है. इस इंडेक्स के मुताबिक 18 अक्टूबर को यह इंडेक्स 82.8 पर पहुंच गया, जबकि इसके पिछले सप्ताह यह 80.8 पर था. प्री कोविड लेवल पर इंडेक्स 82.9 पर था. इंडेक्स के मुताबिक 22 मार्च को इंडेक्स 82.9 पर था.
फेस्टिवल सीजन में बढ़ रही है बिजनेस गतिविधियां
नोमुरा ने यह जरूर कहा है कि यह वास्तविक रिकवरी नहीं हो सकती लेकिन क्योंकि फेस्टिवल सीजन में खपत बढ़ जाती है. लेकिन पीएमआई में बढ़ोतरी, जीएसटी कलेक्शन में इजाफा, ई-वे बिल, रेलवे की माल ढुलाई, बिजली की मांग और निर्यात में बढ़ोतरी से साफ हो रहा है कि बिजनेस गतिवधियों में इजाफा हुआ है. जून तिमाही में इकनॉमी में गिरावट बढ़ कर 23.9 फीसदी तक पहुंच चुकी थी. इस बीच, औद्योगिक उत्पादन में सुधार दिखा है. हालांकि आरबीआई ने मौजूद वित्त वर्ष के दौरान इकनॉमी में 9.5 फीसदी की गिरावट दर्ज होने की बात कही है. बहरहाल, नोमुरा ने बिजनेस गतिविधियों में इजाफे का आधार काफी हद तक गूगल मोबिलिटी को बनाया है. नोमुरा के मुताबिक गूगल वर्कप्लेस मोबिलिटी में सुधार के साथ ही, रिटेल गतिविधियों में भी इजाफा दर्ज हुआ है.
लेबर मार्केट में कम पार्टिसिपेशन चिंता का विषय
नोमुरा ने कहा है कि लेबर मार्केट में कम पार्टिसिपेशन अभी भी चिंता का विषय बना हुआ है. पिछले सप्ताह लेबर पार्टिसिपेशन 40.6 फीसदी से घट कर 40.3 फीसदी पर पहुंच गया. बिजली की मांग में कमी अभी भी बनी हुई है. हालांकि इसमें कमी 0.8 फीसदी की ही हुई है, जो पिछले सप्ताह के दौरान आई 1.9 फीसदी की गिरावट से कम है. दरअसल रोजगार में कमी से परिवारों की आय कम हुई है. इसका असर मांग पर दिख रहा है.
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प्रशांत कुमार मिश्र, राजनीतिक विश्लेषक
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