कोरोना संक्रमण बढ़ने से रफ्तार का टिकना मुश्किल
हालांकि जिस तरह से कोरोनावायरस संक्रमण के मामले में बढ़ रहे हैं उसमें यह अच्छा संकेत है. ट्रैकर के मुताबिक जून में आर्थिक गतिविधियां सपाट जुलाई में भी यही स्थिति थी लेकिन अगस्त से इनमें रफ्तार दिखने लगी थीं. सबसे ज्यादा बढ़त गूगल रिटेल एंड रिक्रिएशन मोबिलिटी और एपल ड्राइविंग इंडेक्स में दिखा. हालांकि बिजली की खपत में रफ्तार नहीं दिखी है. पिछले सप्ताह लेबर पार्टिसिपेशन रेट 39.5 से लेकर 41.2 फीसदी तक पहुंच गया. बेरोजगारी दर भी 8.1 फीसदी से गिर कर 7.3 फीसदी पर आ गई.
राज्यों के लॉकडाउन से बिजनेस गतिविधियों को झटका
पिछले सप्ताह जारी एक रिपोर्ट में सरकार ने कहा था अर्थव्यवस्था का बुरा दौर अब खत्म हो गया और यह V शेप में ऊपर उठेगी. हालांकि नोमुरा का कहना है कि अर्थव्यवस्था ने अगर रफ्तार पकड़ी तो भी यह कितनी टिकाऊ होगी कहना मुश्किल है क्योंकि देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे हैं. खास कर देश के औद्योगिक केंद्रों में संक्रमण के बढ़ते जाने की वजह से लगातार लॉकडाउन लगाए जा रहे हैं और इस वजह से आर्थिक गतिविधियों की रफ्तार का टिकाऊपन सवालों के घेरे में है. नोमुरा ने अप्रैल-जून के निराशाजनक नतीजों के बाद इकोनॉमी में -9 फीसदी की गिरावट की आशंका जताई थी.
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