स्टार्टअप वैल्यूएशन – ग्रोथ स्टेज: पिछले आर्टिकल में हमने जाना कि वैल्यूएशन क्या होती है, नई कंपनियों की वैल्यूएशन कैसे निकालते हैं, जिन्होंने अभी बिज़नस नहीं शुरू किया है, यानी जिनका प्रोडक्ट बीटा टेस्टिंग में चल रहा है, रेवेन्यु नहीं है, टीम सेट हो रही है, अगर आपने वो मिस कर दिया है तो मेरा पिछ्ला आर्टिकल पढ़ सकते हैं. आज के इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि उन कंपनियों की वैल्यूएशन कैसे निकालें जो थोडा बहुत रेवेन्यू बना रही हैं, सेल्स आगे बढ़ रही है, तो ऐसी कंपनियों के वैल्यूएशन के लिए कौन कौन सा मेथड यूज होता है- ये सब जान सकते हैं.
ग्रोथ स्टेज क्या है
सबसे पहले तो इस टर्म को समझ लेते हैं, ग्रोथ स्टेज का मतलब है कि आपकी कंपनी का प्रोडक्ट टेस्ट हो चुका है, आपने ये समझ लिया है कि ये प्रोडक्ट मार्किट में बिक जायेगा, फिटमेंट चेक किया जा चुका है, और लोग उसे खरीद रहे हैं, साथ ही, धीरे धीरे आपके कस्टमर को लाने की कॉस्ट कम होती जा रही है जिसे हम स्टार्टअप की टर्म में CAC कहते हैं यानी Customer Acquisition Cost. साथ ही आपकी सेल्स लगातार बढ़ रही है, ऐसे स्टेज में स्टार्टअप को ग्रोथ स्टेज स्टार्टअप कहा जाता है.
ग्रोथ स्टेज में वैल्यूएशन के तरीके क्या हैं?
जैसा कि हमने इससे पहले वाले आर्टिकल में पढ़ा था कि किसी भी कंपनी के वैल्यूएशन में बहुत सी बातों का हाथ होता है, कोई एक चीज पर वैल्यूएशन नहीं होती है, यानि आप बहुत अच्छी सेल कर रहे हैं, तो इसका मतलब नहीं है कि आपकी वैल्यूएशन बहुत अच्छी हो जाएगी और फंडिंग मिल जाएगी. आपकी स्ट्रेटिजी, आपकी टीम, कस्टमर रिटेंशन, फीडबैक सब कुछ मैटर करती है. वैसे भी वैल्यूएशन को लेकर बहुत मॉडल्स हैं, हर इन्वेस्टर का कंपनी को देखने का अपना अपना तरीका होता है. लेकिन ग्रोथ स्टेज में अगर वैल्यूएशन को समझा जाए तो दो मॉडल से समझ सकते हैं.
प्रॉफिट मल्टिपल मॉडल
इस मॉडल में इन्वेस्टर आपकी कंपनी का प्रॉफिट देखता है और उस प्रॉफिट के हिसाब से उसमे कुछ मल्टीप्लायर लगते हैं, आम तौर पर इसमें 10 से 20 गुना का मल्टीप्लायर लगता है, यानी अगर आपके कंपनी का प्रॉफिट एक करोड़ है तो कंपनी की वैल्यूएशन 10-20 करोड़ हो सकती है. लेकिन जरा रुकिए, ये मल्टीप्लायर आपका स्टार्टअप किस इंडस्ट्री में है, प्रोडक्ट टाइप क्या है, टेक ड्रिवेन है या नहीं, कस्टमर बेस यानी TAM (Total Addressable Market) कितना है इन सब बातों पर भी निर्भर करता है.
रेवेन्यु मल्टिपल मॉडल
इस मॉडल में आपके प्रॉफिट का नहीं, आपके रेवेन्यू पर मल्टिपल लगता है, आम तौर पर 2-5 गुना का मल्टीप्लायर लगाया जाता है, जैसे कि अगर आपकी कंपनी का टोटल रेवेन्यू अगर 10 करोड़ है तो आपकी वैल्यूएशन 20 करोड़ से लेकर 50 करोड़ तक हो सकती है, लेकिन यहां भी वही बात लागू होती है जो ऊपर थी, यानी मल्टीप्लायर लगाते वक्त बस रेवेन्यू ही नहीं बहुत से बातों का ख्याल रखा जाता है.
तो अगर आपको अपने स्टार्टअप के वैल्यूएशन को समझना है तो आप किसी वैल्यूएशन एक्सपर्ट से बात करके समझ सकते हैं, जो आपके स्टार्टअप के बारे में समझ कर आपको वैल्यूएशन पर गाइड कर सके.
नोटः लेखक Skilling You के संस्थापक और सीईओ हैं, प्रकाशित विचार उनके निजी हैं.
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