Business Startup Classroom: ट्रेडमार्क को समझें, अपनी कंपनी और प्रोडक्ट को प्रोटेक्ट करें
Business Startup Classroom: ट्रेडमार्क आपके कारोबार की जरूरतों को लीगल तौर पर आपका बना देता है, जिससे कि आपके ब्रांड को कोई कॉपी ना कर सके, और आप बिना डरे बिजनेस कर सकें.
Business Startup Classroom: फाउंडर के लिए बिज़नस/स्टार्टअप एक बच्चे की तरह होता है, एक बच्चे को पालने और बड़ा करने में जितनी मेहनत और केयर की जरूरत होती है, वहीं ये भी जरुरी होता है कि उससे बाहर की प्रोब्लम्स और बीमारियों से कैसे बचाएं. ये प्रॉब्लम और बीमारियां जैसे शरीर को कमजोर कर देती हैं, वैसे ही कंपनी और स्टार्टअप को भी कमजोर कर देती हैं. बहुत से फाउंडर्स इस बात को तब समझ पाते है जब देर हो चुकी होती है, तो चलिए आज इसी लीगल वैक्सीन यानी ट्रेडमार्क को समझते हैं, कि किस तरह से एक ट्रेडमार्क आपके बिज़नेस की इम्युनिटी को बचाता है और आपको आने वाली समस्याओं से प्रोटेक्ट करता है.
ट्रेडमार्क क्या होता है
कोई भी बिज़नस बहुत मेहनत से बनता है, उसके नाम, लोगो, टैगलाइन, कलर कॉम्बिनेशन, प्रोडक्ट, पैकिंग को बनाने में महीनों लग जाते हैं, सोचिये आपने महीनों तक मेहनत करके ये सब कुछ बनाया और और आपका बिज़नस चल निकला, अचानक आपने किसी शॉप पर, या कहीं पर अपने ही नाम का एक नया प्रोडक्ट/लोगो देख लिया जो आपका नहीं है, लेकिन आपके जैसे ही नाम को यूज करके बिज़नेस कर रहा है, तो बहुत बुरा लगेगा ना ? जी हां, बहुत लेकिन अगर आपने अपने बिज़नेस ट्रेडमार्क के अन्दर प्रोटेक्ट नही कर रखा है तो कुछ नहीं हो सकता, ट्रेडमार्क आपके इन्हीं जरूरतों को लीगल तौर पर आपका बना देता है, जिससे कि आपके ब्रांड को कोई कॉपी ना कर सके, और आप बिना डरे बिज़नेस कर सकें.
इतना ही नहीं, इसका दूसरा साइड भी है, सोचिये आपने एक नाम से बिज़नेस शुरू कर दिया लेकिन बाद में पता चलता है कि ऐसा ही नाम किसी और ने बहुत पहले ही रजिस्टर करा रखा है, तो आप लीगल झमेले में आ सकते हैं और आपको अपना बिज़नेस केवल बंद ही नहीं बल्कि फ़ाईन भी देना पड़ सकता है. तो एक स्टार्टअप फाउंडर के रूप में मेरी यही सलाह है कि ट्रेडमार्क को हल्के में न लें, इसे जरूर करा लेना.
ट्रेडमार्क में क्या क्या कवर होता है
बिज़नेस और प्रोडक्ट की पहचान को प्रोटेक्ट करने के लिए आप अपने लोगो (Logo), कंपनी का नाम, टैगलाइन, लोगो का कलर कॉम्बिनेशन, या प्रोडक्ट की पैकिंग, साउंड को लीगल प्रोटेक्शन में ले सकते हैं. साथ ही अगर आपको लगता है कि आपकी कंपनी की जरूरतें अलग हैं तो उसके लिए किसी वकील या लीगल एक्सपर्ट से सलाह लेकर ट्रेडमार्क अप्लाई कर सकते हैं.
ट्रेडमार्क के लिए कैसे अप्लाई करें
ट्रेडमार्क को आप ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों मोड से कर सकते हैं, इसके लिए आपको https://ipindiaonline.gov.in/eregister/eregister.aspx पर विजिट करना होगा, हालाकिं आपको अप्लाई करने से पहले ये चेक करना होगा की जिस चीज का आप ट्रेडमार्क ले रहे हैं वो पहले से ही रजिस्टर तो नहीं है न, इसके लिए आप https://ipindiaonline.gov.in/tmrpublicsearch/frmmain.aspx देख सकते हैं.
ट्रेडमार्क के लिए फीस क्या होती है
जी हां ट्रेडमार्क के लिए आपको एक लीगल फीस भी देनी पड़ती है, ये Indivisual और कंपनी के नाम से करने पर अलग अलग हो सकती है, हालांकि अगर आप स्टार्टअप इंडिया में रजिस्टर्ड हैं तो आपको ये फीस आधी देनी पड़ती है, कई बार सरकार के तरफ से कुछ स्कीम भी चलती हैं जहां प्रोफेशनल्स को देने वाली फ़ीस भी सरकार देती है, इन तमाम जानकारियों को एकबार अपने लीगल एक्सपर्ट या सरकारी वेबसाइट से जरुर वेरीफाई कर लें.
ट्रेडमार्क के लिए किन किन डाक्यूमेंट्स की जरुरत पड़ती है
इस प्रोसेस में आपको कुछ डाक्यूमेंट्स की जरुरत पड़ती है जैसे-
1- आपका Logo, डिजाइन, कलर कॉम्बिनेशन की डिटेल
2- आपके अपने डाक्यूमेंट्स जैसे ID एंड एड्रेस प्रूफ
3- आपके प्रोडक्ट की जानकारी
ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन और सर्टिफिकेशन
अगर आपका रजिस्ट्रेशन सफलता पूर्वक हो जाता है तो आपको आपको इसका सर्टिफिकेट जारी किया जाता है, जिसके बाद आप ट्रेडमार्क सिम्बल (TM) का यूज कर सकते हैं, और उसके बाद ये कुछ महीनों तक अपने प्रोसेस में रहता है, अगर किसी और ने आपके इस रजिस्ट्रेशन को अपोज नहीं किया था तो लगभग 6-12 महीने के बाद आपको रजिस्टर्ड ट्रेडमार्क सिंबल (®) मिल जाता है, जिसके बाद आप इसके लीगल मालिक हो जाते हैं. इसके बाद ट्रेडमार्क अनलिमिटेड टाइम के लिए आपका हो जाता है, हालांकि, आपको इसे हर 10 साल पर रिन्यू कराना पड़ता है.
अगर आप लीगल मामलों के जानकार नहीं हैं तो ये पूरा प्रोसेस लिए थोडा मुश्किल या टाइम टेकिंग हो सकता है, तो मेरी सलाह यही रहेगी कि एक फाउंडर के रूप में आप अपना समय बचाएं, उसे अपने बिज़नेस और और प्रोडक्ट में लगायें और इस तरह के काम के लिए किसी एक्सपर्ट की सलाह ले और उसे ही करने दें.
नोटः लेखक Skilling You के संस्थापक और सीईओ हैं, प्रकाशित विचार उनके निजी हैं.
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