नए साल में गोल्ड खरीदते रहिए, लॉन्ग टर्म निवेश के तौर पर जमकर देगा मुनाफा
विशेषज्ञों का कहना है लॉन्ग टर्म निवेश के हिसाब से गोल्ड का आपके निवेश पोर्टफोलियो में रहना जरूरी है. बीएसई के इंडेक्स सेंसेक्स ने 2020 में 14 फीसदी की उछाल दर्ज की वहीं गोल्ड की कीमतों में 40 फीसदी का इजाफा दर्ज हुआ है.
साल 2020 के दौरान गोल्ड की कीमतों में जबरदस्त उछाल देखने को मिला. इस साल गोल्ड ने अब तक निवेशकों को 30 से 40 फीसदी तक का रिटर्न दिया है. ऐसे में क्या गोल्ड अब गिरावट की ओर जाएगा. तो क्या निवेशकों को चढ़े दामों पर गोल्ड बेच कर निकल लेना चाहिए या इसे होल्ड किए रहना चाहिए. दरअसल कोरोना वैक्सीन की सफलताओं और आर्थिक रिकवरी की रफ्तार बढ़ने से आने वाले दिनों में गोल्ड की कीमत घटने वाली है. ऐसे में गोल्ड बेचने की रफ्तार भी बढ़ेगी और इसी हिसाब से दाम भी गिरेंगे. इन हालातों में निवेशकों के मन में आ सकता है कि गोल्ड बेच कर मुनाफावसूली कर ली जाए लेकिन क्या विशेषज्ञों का मानना है कि इसमें अभी जल्दबाजी नहीं करना चाहिए.
गोल्ड में निवेश किया है तो अभी न निकलें
चूंकि आर्थिक रिकवरी के बढ़ने की वजह से गोल्ड के दाम में गिरावट आएगी इसलिए इसमें निवेश भी घटेगा. अमीर निवेशक शेयरों पर ध्यान केंद्रित करेंगे. बहुत सारे निवेशक महंगाई बढ़ने की वजह से हेजिंग के तौर पर भी गोल्ड में निवेश करेंगे लेकिन आखिरकार घटते दामों की वजह से वह दूसरे निवेश इंस्ट्रूमेंट्स की ओर रुख करेंगे. लेकिन आम निवेशकों को विशेषज्ञ गोल्ड से न निकलने की सलाह देते हैं.
निवेश पोर्टफोलियो का 5-10 फीसदी हिस्सा गोल्ड का हो
विशेषज्ञों का कहना है लॉन्ग टर्म निवेश के हिसाब से गोल्ड का आपके निवेश पोर्टफोलियो में रहना जरूरी है. बीएसई के इंडेक्स सेंसेक्स ने 2020 में 14 फीसदी की उछाल दर्ज की वहीं गोल्ड की कीमतों में 40 फीसदी का इजाफा दर्ज हुआ है. इस साल गोल्ड 56 हजार रुपये प्रति दस ग्राम तक चढ़ा. ऐसे में अगर लॉन्ग टर्म के हिसाब से देखा जाए तो गोल्ड में निवेश आगे जाकर फायदेमंद साबित हो सकता है. अपने निवेश पोर्टफोलियो का 5 से 10 फीसदी गोल्ड के तौर पर जरूर रखें.
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