Soil Health Card Yojana : कोरोना काल के बाद हज़ारो लोग अपने गांव लौट गए थे. सरकार ने इनके लिए फ्री राशन, हर महीने खाते में धनराशि भेजना, किसानों के खाते में समय-समय पर पैसा तक डाले. एक तरह से सरकार ने हर गरीब का डोर-टू-डोर ख्याल रखा. आपको बता दें कि कोरोना जैसे-जैसे जा रहा है, वैसे मंदी देश में पैर फैलाती दिख रही है. अब धीरे-धीरे रोजगार के अवसर कम होते जा रहे हैं. लोग अपने लिए काम की तलाश में जुटे हैं. आपको बता दें कि अगर बेरोजगार लोग अपने गांव में रहकर बिना खेती किए अच्छी कमाई करना चाहते हैं, तो केंद्र सरकार उनके लिए एक योजना लेकर आई है. 


कम निवेश ज्यादा मुनाफा 
इसमें कुछ रकम निवेश करनी होगी और सरकार भी आपकी आर्थिक मदद करेगी. गांव में अगर आप एग्रीकल्चर के क्षेत्र में कारोबार की शुरुआत करना चाहते हैं, तो सॉइल हेल्थ कार्ड योजना (Soil Health Card Yojana) आपके लिए बेहतर साबित होगी.


मिनी सॉइल टेस्टिंग लैब 
सॉइल हेल्थ कार्ड योजना में सरकार पंचायत स्तर पर एक मिनी सॉइल टेस्टिंग लैब स्थापित (Soil Testing Laboratory) करने में आपकी मदद करती है. इस लैब में आस-पास के खेतों की मिट्टी की जांच होती है. फिलहाल देश के ग्रामीण इलाकों में ऐसे लैब बेहद ही कम हैं. अगर इस कारोबार से बढ़िया कमाई अपने गांव में ही कर सकते हैं. इस क्षेत्र में रोजगार की भी तमाम संभावनाएं हैं.


कौन उठा सकता है लाभ
सॉइल हेल्थ कार्ड योजना के तहत 18 से 40 साल के व्यक्ति अपने पंचायत में मिनी सॉइल टेस्टिंग लैब स्थापित कर सकते हैं. इस स्कीम का लाभ वही लोग उठा पाएंगे, जो एग्री क्लीनिक, कृषि उद्यमी ट्रेनिंग के साथ 10वीं पास किए हो. इस स्कीम के लिए वही लोग आवेदन कर सकते है, जो किसान परिवार से सबंध रख सकते है.


ऐसे करना होगा आवेदन
मिनी सॉइल टेस्टिंग लैब बनाने के लिए आपको अपने जिले के उपनिदेशक (कृषि) अथवा संयुक्‍त निदेशक कृषि से उनके ऑफिस में संपर्क करना होगा. इसके अलावा agricoop.nic.in वेबसाइट और soilhealth.dac.gov.in पर भी टेस्टिंग लैब स्थापित करने के लिए संपर्क किया जा सकता है. अगर आपको अधिक जानकारी चाहिए तो किसान कॉल सेंटर (1800-180-1551) पर भी संपर्क कर सकते हैं. 


सीधे मांगे फॉर्म 
अगर आप अपने जिले के कृषि विभाग के अधिकारियों से संपर्क करते हैं, तो सॉइल हेल्थ कार्ड योजना के तहत मिनि टेस्टिंग लैब (Mini Testing Lab) स्थापित करने करने के लिए आप फॉर्म उपलब्ध करवाया जाएगा. फॉर्म को भरकर और मांगे गए सभी डॉक्यूमेंट को अटैच करके आपको कृषि विभाग में जमा करना होगा.


ये आएगा खर्चा 
पंचायत में किसी भी मिनी सॉइल टेस्टिंग लैब को स्थापित करने में करीब 5 लाख रु का खर्च आता है. सरकार सॉइल हेल्थ कार्ड योजना के तहत लैब लगाने वाले को 75 % रकम प्रदान करती है. आप अपने पंचायत में लैब स्थापित करना चाहते हैं, तो सरकार की ओर से 3.75 लाख रु आपको दिए जाएंगे. आपको 1.25 लाख रु खर्च करने होंगे. ग्रामीण स्‍तर पर सॉइल टेस्टिंग लैब खोलने के लिए आवेदनकर्ता के पास खुद की या किराये की पक्‍की जगह होना जरूरी है. ग्रामीण युवा चाहें तो Mobile Soil Testing Van के रूप में भी लैब स्थापित कर सकते हैं.


ऐसे होगी कमाई
किसानों के खेत की मिट्टी का नूमना लेकर उसकी जांच करनी होगी. इसके आधार पर सॉइल हेल्थ कार्ड का प्रिंटिंग और डिस्ट्रीब्यूशन करने पर प्रति सैंपल आपको 300 मिलते हैं. इस तरह आप आराम से महीने में 15-25 हजार रु कमा सकते हैं.


ऐसे होगा फायदा
सॉइल टेस्टिंग लैब से किसानों को उनके खेतों की मिट्टी में कौन-कौन से पोषक तत्व मौजूद हैं, इसकी जानकारी मिलती रहेगी. साथ ही उर्वरकों की कमी तथा उन्‍हें किस मात्रा में यूरिया का इस्तेमाल अपने खेतों में करना चाहिए ये भी पता चल सकता है.


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