BCCI: संकट में फंसी बायजू (Byju) के लिए राहत भरी खबर आई है. बोर्ड ऑफ कंट्रोल फॉर क्रिकेट इन इंडिया (BCCI) के बकाया भुगतान वाले केस में बायजू दिवालिया कार्रवाई का सामना कर रही है. इस मामले में बायजू रविंद्रन (Byju Raveendran) और बीसीसीआई के बीच सेटेलमेंट को लेकर वार्ता सही दिशा में आगे बढ़ रही है. यदि बीसीसीआई सहमत हो जाता है तो फिलहाल बायजू को कुछ समय के लिए राहत मिल जाएगी.
एनसीएलटी ने शुरू कर दी थी दिवालिया प्रक्रिया
बायजू ने कुछ समय के लिए टीम इंडिया की जर्सी को स्पांसर किया था. हालांकि, वित्तीय संकटों में फंसने के बाद कंपनी भुगतान नहीं कर सकी और मामला कोर्ट में चला गया. इस मामले में नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने दिवालिया प्रक्रिया शुरू कर दी थी. इसके खिलाफ बायजू ने नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) में याचिका दाखिल की है. बीसीसीआई के वकील तुषार मेहता ने मंगलवार को बताया कि दोनों पक्षों के बीच सेटेलमेंट को लेकर वार्ता आगे बढ़ रही है. इसलिए दिवालिया प्रक्रिया को स्थगित कर दिया जाए. बीसीसीआई ने इस मामले में बायजू की पैरेंट कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड (Think and Learn) पर केस कर दिया था.
बीसीसीआई ने मांगे हैं 158 करोड़ रुपये
तुषार मेहता ने बताया कि मामले की सुनवाई एनसीएलएटी में बुधवार को की जाएगी. इससे पहले जस्टिस शरद कुमार शर्मा ने इस मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था. उन्होंने कहा था कि वह बीसीसीआई से जुड़े हुए हैं इसलिए मामले की सुनवाई नहीं करना चाहते. बीसीसीआई ने एडटेक कंपनी बायजू से 158 करोड़ रुपये की डिमांड की है. उसकी याचिका पर एनसीएलटी ने 16 जुलाई को थिंक एंड लर्न के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू करते हुए कंपनी का मैनेजमेंट बायजू रविंद्रन के हाथ से चीन लिया था. कर्नाटक हाई कोर्ट ने बायजू रविंद्रन की याचिका को टाल दिया था.
निवेशकों से विवाद के चलते चल रहा कैश संकट
बायजू रविंद्रन के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स की स्थापना का विरोध किया था. उनका कहना है कि जब तक मामले की सुनवाई नहीं हो जाती इस कमेटी का गठन करना कंपनी को उनके हाथों में सौंप देने जैसा होगा. बायजू का इस समय अपने निवेशकों से भी विवाद चल रहा है. इसके चलते वह कैश संकट में भी फंसी हुई है.
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