Byju's Update: बायजूस (Byju's) को फाइनेंशियल फ्रॉड (Financial Fraud) मामले में मिले क्लीन चिट पर कंपनी मामलों के मंत्रालय (Ministry Of Corporate Affairs) ने सफाई जारी की है. मंत्रालय ने एक बयान जारी कर इन खबरों को गलत और भ्रामक बताते हुए कहा कि कंपनीज एक्ट 2013 के तहत एमसीए ने जो कार्रवाई शुरू की वो अभी भी जारी है इस समय कोई और निष्कर्ष निकालना उचित नहीं होगा. 


इससे पहले ब्लूमबर्ग के हवाले से रिपोर्ट सामने आई थी कि कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने अपनी जांच में बायजूस के कॉरपोरेट गवर्नेंस में कई प्रकार की अनियमितताएं पाई है लेकिन उसे किसी प्रकार के फाइनेंशियल फ्रॉड का सबूत नहीं मिला है. मंत्रालय बीते एक साल से कंपनी के खिलाफ जांच कर रही थी लेकिन फंड के गलत इस्तेमाल या फाइनेंशियल अकाउंट में हेराफेरी का कोई मामला बायजूस के खिलाफ नहीं पाया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने कॉरपोरेट गवर्नेंस के मुद्दों की पहचान की है जिसके चलते कंपनी का नुकसान बढ़ा है. 


रिपोर्ट में कहा गया कि एमसीए की जांच में ये पता नहीं लग पाया है कि कंपनी के फाउंडर बायजू रवींद्रन (Byju Raveendran) कॉरपोरेट गवर्नेंस में खामियों के लिए जिम्मेदार हैं या नहीं और क्या वे कंपनी का नेतृत्व करने के लिए फिट थे. हाल के दिनों में निवेशकों ने उन्हें हटाने की मांग की है. उनपर मैनेजमेंट और अनुपालन विफलताओं का आरोप लगता रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक एमसीए ने अपनी जांच में पाया कि बायजूस ने अधिग्रहण से जुड़ी सारी जानकारियों को सभी डायरेक्टर्स के साथ साझा नहीं किया था और बेहद कम समय में शॉर्ट नोटिस देकर अधिग्रहणों की मंजूरी ली गई.  


इसी रिपोर्ट में बायजूस को मिले क्लीन चिट के बाद सरकार की ओर से सफाई जारी किया गया. जिसमें कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने कहा कि ऐसी रिपोर्ट जिसमें क्लेम किया गया कि बायजूस को फाइनेंशियल फ्रॉड जांच में क्लीन चिट मिल गई है पूरी तरह गलत और भ्रमित करने वाला है. 
 


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