इतने अरब डॉलर का फंड जुटाने में लगी Byju’s, मुश्किलें कम होने की उम्मीद
Byju’s Plans For Funding: बड़ी यूनिकॉर्न कंपनी बायजूस मार्केट से फंड उठाने की तैयारी कर रही है. मार्केट में पैसों की कमी में यह फंडिंग राउंड कंपनी के लिए चुनौतीपूर्ण रह सकती है.
Byju’s Plans for Funding: एडुटेक यूनिकॉर्न कंपनी बायजूस (Byju's) एक बार फिर फंडिंग जुटाने की तैयारी कर रही है. कंपनी इस बार कुल 22 अरब डॉलर की मौजूदा वैल्यूएशन पर 1 अरब डॉलर की फंडिंग उठाने वाली है. फंड प्राप्त करने की यह कोशिश इसलिए भी खास है क्योंकि भारतीय स्टार्टअप्स की फंडिंग में भारी गिरावट दर्ज की गई है. फंडिंग और डील की संख्या पिछले नौ सालों में सबसे कम हो गई है.
इसके साथ ही यह फंडिंग राउंड हाल के समय में सबसे बड़ा होगा. इसके द्वारा जुटाई गई रकम नियामकीय जांच में कंपनी को बड़ी राहत पहुंचाने में मदद करेगी. गौरतलब है कि बायजूस भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया की सबसे ज्यादा वैल्यूएशन वाली एडुटेक कंपनी है.
Byju’s के सीईओ के घर और ऑफिस पर पड़े छापे
इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने बायजूस (Byju’s) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) रविंद्र बायजू के बेंगलुरु के ऑफिस और घर पर छापे मारे थे. ईडी ने कई दस्तावेज और डिजिटल डेटा जब्त किया था. यह छापा फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (FEMA) के तहत मारा गया था. इसके बाद से ही कंपनी के ऊपर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. ऐसे में इस राउंड की फंडिंग के बाद यह पता चलेगा कि कंपनी पर निवेशकों का कितना भरोसा है.
स्टार्टअप की फंडिंग की है भारी कमी
बायजूस के लिए इस फंडिंग जुटाना कई मायनों में चुनौतीपूर्ण हैं क्योंकि इस समय कई स्टार्टअप कंपनियों को पैसों की कमी से गुजरना पड़ रहा है. अप्रैल में स्टार्टअप कंपनियों के लिए फंडिंग का आंकड़ा पिछले 9 सालों में सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है. VCCircle के रिसर्च के मुताबिक अप्रैल 2023 में 58 डील में भारतीय स्टार्टअप्स को एंजल निवेश और वेंचर कैपिटल फंडिंग के जरिए कुल 381 मिलियन डॉलर मिले हैं. ऐसे में बायजूस के लिए इतने बड़े वैल्यूएशन पर फंडिंग उठाना एक कठिन कार्य होगा. निवेश फिलहाल किसी भी टेक कंपनी में पैसे निवेश करने से बच रहे हैं.
1 अरब डॉलर कैसे प्राप्त करेगी कंपनी
मनीकंट्रोल में छपी रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी 1 अरब डॉलर में से 70 करोड़ डॉलर की राशि इक्विटी के जरिए प्राप्त करेगी. इसके अलावा बाकी बची 30 करोड़ रुपये की फंडिंग स्ट्रक्चर इंस्ट्रूमेंट्स के जरिए प्राप्त किए जाएंगे. स्ट्रक्चर्ड इंस्ट्रूमेंट्स शेयर मार्केट पर निर्भर रहने वाले प्रोडक्ट रहते हैं. कंपनी का आईपीओ आने पर इसे शेयर में बदलने की सुविधा मिलती है.
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