एडटेक कंपनी बायजूज को लगातार मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. वित्तीय परेशानियों से जूझ रही कंपनी की दिक्कतें समाप्त होने का नाम नहीं ले रही है. ताजा मामले में कंपनी को वैल्यूएशन के मोर्चे पर तगड़ा झटका लगा है. एक ग्लोबल एनालिस्ट व इन्वेस्टर ने स्टार्टअप कंपनी की वैल्यूएशन में 98 फीसदी की कटौती की है.


साल 2021 में किया था बड़ा निवेश


इन्वेस्टमेंट फर्म Macquarie Capital बायजूज में अपने इन्वेस्टमेंट को राइट डाउन कर रही है. ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, Macquarie Capital बायजूज में अपनी हिस्सेदारी की वैल्यू को 98 फीसदी कम कर रही है. कंपनी ने 2021 में बायजूज में सैकड़ों मिलियन डॉलर का निवेश किया था. हालांकि अभी वैल्यूएशन में इस कटौती का सार्वजनिक ऐलान नहीं हुआ है.


Macquarie की हो रही थी आलोचना


Macquarie Capital को बायजूज की अपनी हिस्सेदारी को लेकर आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा था. स्विस बैंकिंग फर्म जुलियस बेयर ने उसके ऊपर आरोप लगाया था कि वह अपनी हिस्सेदारी को नए सिरे से मूल्यांकित नहीं कर रही है और 2022 की फंडिंग राउंड के आधार पर क्लाइंट से चार्ज वसूल कर रही है. स्विस बैंक ने इस संबंध में Macquarie Capital को जनवरी में लेटर भेजा था.


2022 में इतनी हो गई थी वैल्यू


साल 2022 की फंडिंग राउंड में बायजूज की वैल्यू 22 बिलियन डॉलर आंकी गई थी. हालांकि उसके बाद से बायजूज की स्थिति अब तक बहुत खराब हो चुकी है. अब बायजूज की वैल्यू मुश्किल से बिलियन डॉलर क्लब में रह पाई है. कई इन्वेस्टर और एनालिस्ट बायजूज की वैल्यू को उसके बाद से 95 फीसदी तक कम कर चुके हैं. Macquarie Capital ने भी अब वही रास्ता अपनाया है.


निवेशकों और फाउंडर फैमिली का विवाद


बायजूज एक समय भारतीय स्टार्टअप जगत का सबसे चमकता सितारा बन गई थी. 2022 की फंडिंग राउंड में 22 बिलियन डॉलर के वैल्यूएशन के बाद बायजूज भारत की सबसे वैल्यूएबल स्टार्टटप कंपनी भी बन गई थी. हालांकि अब हाल ऐसा है कि कंपनी अपने कर्मचारियों को सैलरी तक दे पाने में संघर्ष कर रही है. कंपनी के फाउंडर बायजू रवींद्रन और निवेशकों के बीच तनातनी अपने चरम पर है. निवेशक बायजू रवींद्रन और उनके परिवार के सदस्यों को कंपनी से बाहर करने पर अड़े हुए हैं. फिलहाल मामला कोर्ट की दहलीज तक जा पहुंचा है.


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