भारत के सबसे बड़े स्टार्टअप में से एक बायजू (BYJU'S) की समस्याएं बढ़ती ही जा रही हैं. भारत में कानून प्रवर्तन एजेंसियों के निशाने पर आने के बाद अब यह शिक्षा प्रौद्योगिकी कंपनी अमेरिका में कानूनी पचड़े में फंसने वाली है. अमेरिकी अदालत में मुकदमेबाजी की शुरुआत ऐसे समय हो रही है, जब बायजू अभूतपूर्व कर्ज संकट का सामना कर रही है.


इस आधार पर अदालत गई बायजू


बायजू ने कुछ कर्जदाताओं के पुनर्भुगतान में डिफॉल्ट (BYJU'S Default) कर दिया है. बायजू का कहना है कि ऐसा उसने जानबूझकर किया है. कंपनी ने इस बारे में मंगलवार को बताया कि उसने कुछ अमेरिकी कर्जदाताओं 1.2 अरब डॉलर के कर्ज का भुगतान रोक दिया है. एडुटेक स्टार्टटप का आरोप है कि अमेरिकी कर्जदाता उसे नुकसान पहुंचाने की तरकीबें अपना रहे थे. कंपनी इन्हीं आरोपों का हवाला देते हुए इस पूरे मामले को अब अमेरिकी अदालत में ले गई है.


इतने बड़े भुगतान पर हुआ डिफॉल्ट


भारतीय स्टार्टअप बायजू ने अमेरिकी निवेश प्रबंधन कंपनी रेडवुड (Redwood) के खिलाफ दर्ज कराए गए मुकदमे में कहा है कि अमेरिकी कंपनी ने उसके फंसे कर्ज का एक हिस्सा खरीद लिया है, जो उसके टर्म लोन की शर्तों के खिलाफ है. बायजू ने 1.2 अरब डॉलर के कर्ज पर ब्याज के एवज में चार करोड़ डॉलर का भुगतान भी नहीं किया है जबकि उसे यह राशि सोमवार तक जमा करनी थी. इस तरह से स्टार्टअप ने डिफॉल्ट कर दिया है.


बायजू पर मुकदमा कर चुके हैं कर्जदाता


बायजू ने एक बयान में कहा है कि उसने 1.2 अरब डॉलर टीएलबी का भुगतान रोकने का फैसला किया है और इस संबंध में उसने न्यूयॉर्क की शीर्ष अदालत में मुकदमा दायर किया गया है. उसने कहा कि मामले का अदालत से निपटारा न होने तक वह कोई भुगतान नहीं करेगी. इसके पहले बायजू को कर्ज देने वाली फर्म जीएलएएस ट्रस्ट कंपनी और निवेशक टिमोथी आर पॉल ने भुगतान में देरी करने को लेकर बायजू की अमेरिकी इकाइयों के खिलाफ मुकदमा दायर किया था. इस मामले में बायजू अल्फा और टैंजिबल प्ले के खिलाफ आरोप लगाए गए थे.


बायजू ने लगाया है यह आरोप


अमेरिकी कर्जदाताओं का कहना था कि इन दोनों फर्मों ने बायजू अल्फा से 50 करोड़ डॉलर की राशि दूसरी कंपनी को भेज दी. ये दोनों फर्म बायजू की मूल कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट की सब्सिडियरी हैं. बायजू का आरोप है कि उसके कर्जदाताओं ने मार्च में गैरकानूनी ढंग से 1.2 अरब डॉलर के कर्ज को जल्द चुकाने का दबाव बनाया और बायजू अल्फा का नियंत्रण भी अपने हाथों में ले लिया.


अभी भी बातचीत के लिए बायजू तैयार


बायजू का कहना है कि वह अपने कर्जदाताओं के साथ बातचीत के लिए अब भी तैयार है, लेकिन इसके लिए अमेरिकी कर्जदाताओं को अपने कदम वापस लेने होंगे और टर्म लोन की शर्तों का पालन करना होगा. बायजू को कोविड-19 महामारी के बाद से ही वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है. कंपनी उसके बाद कई बार अपने कर्जों को रिस्ट्रक्चर करने का प्रयास कर चुकी है, लेकिन उसे सफलता नहीं मिली है. बातचीत में नतीजा नहीं निकल पाने के बाद कर्जदाताओं ने बायजू की अमेरिकी इकाई का नियंत्रण अपने हाथों में ले लिया था.


ये भी पढ़ें: इस पेंशन स्कीम के सब्सक्राइबर्स को होगा फायदा, जल्द मिल सकती है मिनिमम रिटर्न की गारंटी