Sugarcane FRP Hike: गन्ना किसानों को मोदी सरकार की सौगात, गन्ने के नए सीजन के लिए बढ़ाया एफआरपी
Sugarcane Farmers: उचित और लाभकारी मूल्य फिक्स करने के जरिए गन्ना किसानों को उनके उपज की गारंटीड रकम दी जाती है.
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Cabinet Meeting Decisions: खरीफ फसलों के एमएसपी बढ़ाने के बाद मोदी सरकार ने गन्ना किसानों को भी बड़ी सौगात दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक मोदी सरकार ने अगले सीजन के लिए गन्ने के उचित और लाभकारी मूल्य (Fair and Remunerative Prices) को बढ़ाने का फैसला किया है. कैबिनेट कमिटी की आर्थिक मामलों की कमिटी ने 2023-24 सीजन के गन्ने के एफआरपी में 10 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी का ऐलान किया है. गन्ने की नई एफआरपी अब 315 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है.
कैबिनेट की बैठक में लिए फैसलों की जानकारी देते हुए सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि गन्ना किसानों के लिए मोदी सरकार ने गन्ने के एफआरपी में 10 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी करने का फैसला किया है. आपको बता दें गन्ने पर एफआरपी यानि उचित और लाभकारी मूल्य फिक्स करने के जरिए गन्ना किसानों को उनके उपज की गारंटीड रकम दी जाती है.
मोदी सरकार के गन्ने के एफआरपी में बढ़ोतरी के फैसले का फायदा 5 करोड़ गन्ना किसानों को होगा. साथ ही गन्ना मिलों और उससे जुड़े एक्टिविटी में काम करने वाले 5 लाख कर्मचारियों को भी इस फैसले का फायदा होगा. सरकार ने बताया कि गन्ने का एफआरपी 315 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है जबकि उत्पादन की लागत 157 रुपये प्रति क्विंटल है. यानि 10.25 फीसदी के रिकवरी रेट के हिसाब से प्रोडक्शन कॉस्ट से 100.6 फीसदी ज्यादा गन्ना किसानों को एफआरपी दिया जा रहा है.
2023-24 के लिए गन्ना का एफआरपी 2022-23 सीजन के मुकाबले 3.28 फीसदी ज्यादा है. नया एफआरपी के जरिए खरीद एक अक्टूबर 2023 से शुरू होने वाले नए गन्ने के सीजन से लागू होगी. सीएसीपी (Commission for Agricultural Costs and Prices) की सिफारिशों के आधार पर और राज्यों और दूसरे स्टेकहोल्डर्स के साथ मशविरा करने के बाद गन्ने का नया एफआरपी तय किया गया है. मोदी सरकार जब सत्ता में आई थी तब 2014-15 में गन्ने का एफआरपी 220 रुपये प्रति क्विंटल हुआ करता था.
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