(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
सरकारी और प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों को बोनस से दिवाली पर बढ़ेगी शॉपिंग, 3.5 लाख करोड़ से ज्यादा की फेस्टिव सेल की उम्मीद
CAIT: केंद्र सरकार और कई राज्य सरकारों का अपने कर्मियों को त्यौहारों का बोनस दिये जाने से फेस्टिव सीजन में बाजार की मांग में निश्चित रूप से बढ़ोतरी होगी और ये 3.5 लाख करोड़ रुपये तक जाने की आशा है.
Diwali Shopping: देश में त्योहारों की धूम है और बाजारों में ग्राहकों की बढ़ती संख्या को लेकर बड़ा उत्साह देखा जा रहा है. नवरात्रि से शुरू हुए त्यौहारों के सीजन में करवा चौथ के पर्व के बाद अब दिवाली की खरीदारी के लिए कस्टमर्स दिल्ली सहित देश भर के बाजारों का रुख करने लगे हैं. देश में इस साल जमकर त्योहारी शॉपिंग की उम्मीद से कैट भी बेहद उत्साहित है.
त्योहारी सीजन में 3.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा कारोबार होने का अनुमान
कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने इस साल दिवाली सीजन में देश भर के बाजारों में 3.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा व्यापार होने का अनुमान लगाया गया है. अकेले दिल्ली में ही इस सीजन में 35 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा कारोबार होने की उम्मीद जताई गई है. दिल्ली सहित देश भर के व्यापारियों को इस त्यौहारीं बिक्री से अच्छे व्यापार की बड़ी उम्मीदें हैं.
सरकारी, निजी कर्मचारियों को बोनस से त्योहार पर लोगों के पास खर्च करने के लिए पर्याप्त रकम
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि हाल ही में केंद्र सरकार के कर्मियों के लिए बोनस की घोषणा और विभिन्न राज्य सरकारों का अपने कर्मियों को त्यौहारों का बोनस दिये जाने से त्यौहारों के सीजन में बाजार की फेस्टिव मांग में निश्चित रूप से बढ़ोतर होगी. सिर्फ सरकारी ही नहीं प्राइवेट सेक्टर में भी कर्मचारियों को दिवाली बोनस और अन्य इंसेंटिव दिये गए हैं जिससे इस सेगमेंट की फेस्टिव शॉपिंग भी बढ़ेगी.
नवंबर महीने की शुरुआत में ही दिवाली और दूसरे त्यौहारों के पड़ने से ग्राहकों की जेब में त्यौहार पर खर्च करने के लिए पर्याप्त मात्रा में धनराशि होगी जो खरीदी के जरिए बाजारों में आएगी. इससे साफ तौर पर व्यापार और अर्थव्यवस्था में बड़े स्तर पर लिक्विडिटी आएगी.
किस सेगमेंट में आएगी कितनी खरीदारी
बी सी भरतिया और प्रवीण खंडेलवाल ने एक मोटे अनुमान के मुताबिक कहा कि 3.5 लाख करोड़ रुपये के अनुमानित फेस्टिव व्यापार में 80 फीसदी खरीदारी इन सेगमेंट में होगी.
13 फीसदी खाने-पीने और किराना में
12 फीसदी कपड़ों और गारमेंट में
9 फीसदी ज्वेलरी में
8 फीसदी इलेक्ट्रॉनिक्स और मोबाइल में
8 फीसदी गिफ्ट आइटम्स में
6 फीसदी कॉस्मेटिक्स में
4 फीसदी फर्निशिंग और फर्नीचर सेगमेंट में
4 फीसदी ड्राई फ्रूट्स, मिठाई और नमकीन में
3 फीसदी घर की डेकोरेशन में
3 फीसदी पूजन सामग्री और पूजा वस्तुओं में
3 फीसदी बर्तन और किचन एप्लायंसेज में
2 फीसदी कॉन्फेक्शनरी और बेकरी में
बाकी 20 फीसदी खरीदारी इन सेगमेंट में होने की उम्मीद
त्योहारी सीजन में 20 फीसदी खर्च ऑटोमोबाइल, हार्डवेयर, इलेक्ट्रिकल, खिलौने सहित अन्य कई चीजों और सेवाओं पर होने का अनुमान है. पैकिंग क्षेत्र को भी दिवाली पर बड़ा व्यापार मिलेगा.
कैट ने किया कारोबारियों से आग्रह-लोकल पर रहे फोकस
कैट ने देश भर के व्यापारी संगठनों से आग्रह किया है कि वो अपने शहर के स्थानीय निर्माताओं, कारीगरों और कलाकारों के जरिए बनाये गये उत्पादों को बाजार दिलाने में सहयोग करें और आत्मनिर्भर भारत की एक खास झांकी दिवाली पर्व के जरिए देश और दुनिया को दिखाएं. बी सी भरतिया और प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने पिछली 'मन की बात' के संबोधन में देशवासियों से त्यौहारों पर लोकल तौर पर निर्मित वस्तुएं खरीदने का आह्वान किया था जिसका बड़ा असर देश में दिखाई दे रहा है.
किस दिन कौन से त्योहार हैं-जानें
दिवाली पर्व के सीजन की श्रृंखला में 5 नवम्बर को अहोई अष्टमी, 10 नवम्बर को धनतेरस, 11 नवंबर को छोटी दिवाली 12 नवंबर को दीपावली, 13 नवम्बर को गोवर्धन पूजा, 15 नवम्बर को भाई दूज, 17 नवम्बर को छठ पूजा और 23 नवम्बर को तुलसी विवाह के साथ दिवाली का त्यौहार सीजन समाप्त होगा.
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