Car Price Hike: जेब पर बढ़ेगा बोझ! 1 अप्रैल से महंगी हो जाएंगी कई कंपनियों की गाड़ियां, आखिर क्यों बढ़ रही कीमतें?
Car Price Hike: 1 अप्रैल से देश की कई कार निर्माता कंपनियों ने कार के दाम में इजाफे का ऐलान किया है. ऐसे में यह सवाल उठता है कि इसका कारण क्या है. जानते हैं इस बारे में.
Car Price Hike: अप्रैल में कार खरीदने वालों की जेब पर बोझ बढ़ने वाला है. ऑटोमोबाइल सेक्टर की बड़ी कंपनी मारुति सुजुकी ने गुरुवार को ऐलान किया है कि 1 अप्रैल, 2023 से कंपनी कारों के दाम में बढ़ोतरी करने जा रही है. इस बढ़ोतरी के पीछे कारों की लागत कास्ट में बढ़ोतरी का हवाला दिया गया है. दरअसल, सरकार के बीएस 6-II उत्सर्जन मानकों के हिसाब से गाड़ियों को बनाने के लिए नए उपकरण और सॉफ्टवेयर की आवश्यकता पड़ेगी. ऐसे में कंपनी इस खर्च का थोड़ा भार ग्राहकों पर डालने वाली है.
कई कंपनियों ने बढ़ाई कार की कीमत
ध्यान देने वाली बात ये है कि केवल मारुति ही नहीं बल्कि टाटा, मर्सिडीज-बेंज (Mercedes Benz Car price hike), बीएमडब्ल्यू (BMW price hike), टोयोटा (Toyota Cars Price hike) और ऑडी (Audi Car price hike) कई कंपनियों ने अपनी कार कीमतों में इजाफा करने का फैसला किया है. इन सभी कंपनियों की कारों 1 अप्रैल से महंगी होने वाली है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक अलग-अलग कंपनी की कारें 50,000 रुपये तक का महंगी हो सकती हैं.
टाटा ने भी कमर्शियल गाड़ियों के दाम में की बढ़ोतरी
मारुति से पहले टाटा मोटर्स (Tata Motors) ने अपने कमर्शियल गाड़ियों (Tata Motors Price Hike) के दाम बढ़ने की घोषणा की थी. कंपनी ने गाड़ी के दामों में 5 फीसदी तक इजाफा करने का फैसला किया है. यह दरें भी 1 अप्रैल, 2023 से लागू हो जाएंगी. टाटा मोटर्स के द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक यह बढ़ोतरी मॉडल और वेरिएंट के हिसाब से की गई है.
क्यों बढ़ रही कार की कीमत-
गौरतलब है कि सरकार ने 1 अप्रैल से बीएस 6-I उत्सर्जन मानक लागू करने जा रही है. इससे प्रदूषण को कंट्रोल करने में मदद मिलेगी. ऐसे में कार कंपनियों को इन मानकों को पूरा करने के लिए कई नये पार्ट्स और सॉफ्टवेयर की जरूरत पड़ेगी. ऐसे में कार निर्माता कंपनियों की लागत में इजाफा हो रहा है. कंपनियां अपनी लागत का भार ग्राहकों पर डाल रही हैं. इससे पहले 1 अप्रैल 2020 को बीएस 6-I उत्सर्जन मानकों को लागू किया गया था. तब भी कारों की कीमतों में 50,000 रुपये तक का इजाफा दर्ज की किया गया था.
ग्राहकों पर पड़ रही दोहरी मार
कार या कमर्शियल गाड़ियों खरीदने वाले ग्राहकों पर इस समय दोहरी मार पड़ रही है. एक तरफ जहां रेपो रेट में लगातार इजाफे के कारण लोगों पर कार या व्हीकल लोन की ईएमआई का बोझ बढ़ रहा है. वहीं दूसरी तरफ कार के दाम में बढ़ोतरी की भी मार पड़ने वाली है. महंगाई की स्थिति देखते हुए आने वाले कुछ समय तक रेपो रेट में कमी की संभावना बेहद कम है. ऐसे में ग्राहकों को कार का सपना पूरा करने के लिए अधिक जेब ढीली करनी पड़ेगी.
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