Semiconductor Crisis: सेमीकंडक्टर संकट खत्म होने में अभी इतना और लगेगा समय, जानिए कैसे कम होगा कारों का वेटिंग पीरियड
Car Waiting: सेमीकंडक्टर की कमी ने उत्पादन को काफी हद तक प्रभावित किया है. इससे ग्राहकों को कार डिलीवरी करने में काफी देर हुई है. हालांकि, पिछले कुछ महीनों में चिप-आपूर्ति में ये नया बदलाव आया है.
![Semiconductor Crisis: सेमीकंडक्टर संकट खत्म होने में अभी इतना और लगेगा समय, जानिए कैसे कम होगा कारों का वेटिंग पीरियड Car Waiting to reduce semiconductor crisis maruti suzuki chairman hybrid vehicles electric vehicles Semiconductor Crisis: सेमीकंडक्टर संकट खत्म होने में अभी इतना और लगेगा समय, जानिए कैसे कम होगा कारों का वेटिंग पीरियड](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/05/13/0c0a3479a1fad2d24812ae274bd71556_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Car Waiting Period: भारत समेत पूरी दुनिया में अगले साल तक सेमीकंडक्टर संकट खत्म हो सकता है. अगर ऐसा हुआ तो अभी की तरह कार खरीदने के लिए लंबे पीरियड का इंतजार नहीं करना पड़ेगा. मारुति सुजुकी के चेयरमैन आरसी भार्गव ने यह उम्मीद जताई है.
आरसी भार्गव ने कहा कि सेमीकंडक्टर की कमी ने उत्पादन को काफी हद तक प्रभावित किया है. इससे ग्राहकों को कार डिलीवरी करने में भयंकर देर हुई है. हालांकि, पिछले कुछ महीनों में चिप-आपूर्ति बाधाओं में धीरे-धीरे सुधार देखने को मिला है. फिलहाल इसमें लगातार सुधार हो रहा है.
अच्छे दिन आएंगे
उन्होंने कहा कि यह साल पिछले साल से बेहतर है. उन्होंने ये भी कहा है कि मुझे उम्मीद है कि अगला साल फिर से काफी बेहतर होगा. इसका मतलब है कि संकट कमोवेश खत्म हो जाएगा.
हाइब्रिड व्हीकल जरूरी
जब भार्गव से पूछा गया है कि सस्टेनेबल मोबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए हाइब्रिड व्हीकल को आइडल क्यों मानते हैं तो उन्होंने कहा कि हाइब्रिड व्हीकल से फ्यूल की खपत में 30-35 प्रतिशत तक बचत होती है. यानि कार्बन की मात्रा भी उस हद तक कम हो जाती है.
उन्होंने कहा, “मुझे नहीं लगता कि भारत में वर्तमान ऊर्जा आपूर्ति के साथ, थर्मल ऊर्जा की खपत के कारण इलेक्ट्रिक वाहन भी इसे 35 फीसद तक कम कर देंगे. सरकार ने इलेक्ट्रिक कारों के लिए सभी तरह के प्रोत्साहन दिए हैं, लेकिन हाइब्रिड या CNG से चलने वाले वाहनों के लिए कुछ भी नहीं.”
छोटी कार की चाहत ज्यादा
मारुति की तरफ से ये भी कहा गया है कि भारत में ज्यादातर लोगों को छोटी कारों की जरूरत है. करीब 230-250 मिलियन दोपहिया वाहन मालिक हैं, जो छोटी कारें ही खरीदना चाहते हैं. जब रोजगार सृजन और आर्थिक विकास हो रहा था, तब हम छोटी कारों के सेगमेंट में 75 प्रतिशत कारें बेच रहे थे. यह अब घटकर 45 फीसदी पर आ गया है. इससे पूरी अर्थव्यवस्था को नुकसान होगा.
हरियाणा में तीसरी यूनिट
देश की सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनी मारुति सुजुकी हरियाणा के सोनीपत में अपनी नई मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने जा रही है. इसके लिए कंपनी ने हरियाणा में तीसरी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने के लिए राज्य सरकार के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किया. कंपनी इस प्लांट के निर्माण के पहले फेज में 11,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी.
ये भी पढ़ें
Salary News: अगर महीने कमाते हैं 25000 रुपए तो देश के इतने फीसदी लोगों में शामिल हैं आप
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)