लॉकडाउन ने खर्च करने की ताकत घटाई, कार्ड ट्रांजेक्शन में आई भारी गिरावट
एसबीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी में कार्ड से किए जाने वाले ट्रांजेक्शन का कुल मूल्य 1.51 लाख करोड़ रुपये था लेकिन अप्रैल में यह घट कर 50 हजार करोड़ रुपये रह गया.
कोरोनावायरस संक्रमण की वजह से लॉकडाउन ने कंज्यूमर सेंटिमेंट को काफी नुकसान पहुंचाया है. इसका असर कार्ड के जरिये किए जाने वाले ट्रांजेक्शन पर पड़ा है. एसबीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी में कार्ड से किए जाने वाले ट्रांजेक्शन का कुल मूल्य 1.51 लाख करोड़ रुपये था लेकिन अप्रैल में यह घट कर 50 हजार करोड़ रुपये रह गया.
एसबीआई की इस रिपोर्ट के मुताबिक इस दौरान प्रति कार्ड ट्रांजेक्शन में भारी गिरावट आई. क्रेडिट कार्ड के मामले में प्रति कार्ड ट्रांजेक्शन 12 हजार रुपये से घट कर 3,600 रुपये पर पहुंच गया. जबकि डेबिट कार्ड के मामले में प्रति कार्ड ट्रांजेक्शन 1000 रुपये से घट कर 350 रुपये रह गया.
कार्ड पेमेंट में रिकवरी में अभी काफी देर
एसबीआई ने अपनी इकोरैप रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि उपभोक्ताओं ने इस दौरान लग्जरी चीजों की तुलना में सिर्फ जरूरी चीजें खरीदी होंगी. अप्रैल में लोगों ने खर्च भी कम किया है.इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का कहना है कि पिछले कुछ दिनों में कार्ड पेमेंट में थोड़ा उछाल आया है लेकिन अभी पूरी रिकवरी में काफी वक्त लग सकता है. अप्रैल से जून की अवधि में डिजिटल पेमेंट में इजाफा देखने को मिला लेकिन ग्रोथ में अभी देर है.
दरअसल लॉकडाउन ने आर्थिक गतिविधियों को चोट पहुंचाई और इससे लोगों की खर्च करने की क्षमता घटी है. सीएमआई के डेटा के मुताबिक 28 को खत्म हुए हफ्ते में बेरोजगारी दर बढ़ कर 8.59 फीसदी पर पहुंच गई. इससे पहले यह दर 8.48 फीसदी थी. जून के पहले हफ्ते में बेरोजगारी दर 17.51 फीसदी पर थी. ग्रामीण बेरोजगारी दर 17.71 और शहही बेरोजगारी दर 17.08 फीसदी पर थी. हाल में ग्रामीण इलाकों में बेरोजगारी दर कम हुई है. खरीफ फसलों की बुआ, मनरेगा के तहत रोजगार और इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं का काम बढ़ने से लोगों को ज्यादा काम मिल रहा है. हालांकि शहरी इलाकों रोजगार बढ़ने की रफ्तार कम रही है.