एटीएम से कैश निकालने की रफ्तार बढ़ी, औसत निकासी 5000 रुपए तक पहुंची
दरअसल कैश सर्कुलेशन 26 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जो देश की जीडीपी का 12 फीसदी है. पिछले नवंबर की तुलना में कैश निकासी लगभग दस फीसदी बढ़ी है.
देश में कैश निकासी फिर बढ़ गई है. लोग एक बार में पांच हजार रुपये तक निकाल रहे हैं. अगस्त में डेविट कार्ड से एक बार में औसतन 4959 रुपये निकाले जा रहे थे. दरअसल कैश सर्कुलेशन 26 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जो देश की जीडीपी का 12 फीसदी है. पिछले नवंबर की तुलना में कैश निकासी लगभग दस फीसदी बढ़ी है जबकि यूपीआई पेमेंट 20 फीसदी बढ़ा है. इस दौरान इसका औसत साइज 1,850 रुपये का था. एटीएम कंपनियों का कहना है कि लॉकडाउन के शुरुआती महीनों मे कैश निकासी कम रही लेकिन अब यह प्री-कोविड लेवल से पार कर गई है.
पिछली दिवाली के मुकाबले इस बार ज्यादा कैश निकासी
इससे साफ है कि डिजिटल पेमेंट में बढ़ोतरी और यूपीआई ट्रांजेक्शन के बढ़ कर दो अरब डॉलर तक पहुंच जाने के बावजूद कैश किंग बना हुआ है. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर के मुताबिक पिछले तीन महीनों के आंकड़े उपलब्ध नहीं है लेकिन एटीएम और पीओएस टर्मिनल ऑपरेटर बीटीआई पेमेंट के सीईओ के श्रीनिवास का कहना है कि पिछले दिवाली के मुकाबले इस दिवाली लोगों ने गिफ्ट और मिठाई खरीदने के लिए ज्यादा कैश निकाले. एटीएम इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का मानना है कोरोना संक्रमण जैसी स्थिति में लोग कैश निकाल कर अपने पास रखना चाहते हैं.
छोटे नहीं बड़े नोट निकाल रहे हैं लोग
एटीएम से कैश निकासी का एक और ट्रेंड दिख रहा है. लोग अब 100 से 300 रुपये निकालने वाले कम लोग हैं. यूपीआई की वजह से छोटे ट्रांजेक्शन डिजिटल पेमेंट में शिफ्ट हो रहे हैं. अब लोग एटीएम से एक बार में ज्यादा रकम निकाल रहे हैं. कोरोना संक्रमण की वजह से लोग घरों और दफ्तरों से कम ही लोग निकल रहे हैं. लोग सप्ताह भर का कैश एक ही दिन में निकाल रहे हैं. विश्लेषकों का कहना है कि कैश ट्रांजेक्शन लोगों की आदत में शुमार है. लेकिन लॉकडाउन के दौरान लोगों के घरों से न निकल पाने की वजह से इसमें कमी आई है. अब जब लोग दोबारा निकल रहे हैं तो कैश ट्रांजेक्शन फिर बढ़ रहा है.
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