2 लाख से ज्यादा नकद लेनदेन होगा गैरकानूनी, आयकर रिटर्न के लिए आधार होगा जरुरी
नई दिल्लीः नगद लेन-देन पहली जुलाई के बाद और मुश्किल हो जाएगा. क्योंकि सरकार ने नकद लेल-देन की सीमा 3 लाख रुपये की जगह 2 लाख रुपये करने का प्रस्ताव किया है. दूसरी ओर इनकम टैक्स रिटर्न और परमानेंट अकाउंट नंबर यानी पैन के लिए आधार जरुरी कर दिया है.
लोकसभा में वित्त विधेयक 2017 में फेरबदल पेश करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने नए प्रस्ताव रखे. इसके मुताबिक
- पहले बजट में नकद लेन-देन की सीमा तीन लाख रुपये रखी गयी थी, जिसे अब घटाकर दो लाख रुपये करने का प्रस्ताव है.
- ये सीमा एक व्यक्ति, एक दिन, एक लेन-देन और या एक घटना के लिए लागू होगी. नयी व्यवस्था पहली अप्रैल से लागू होगी.
- सरकार पहले ही स्पष्ट कर चुकी है इस सीमा से ज्यादा के नकद लेन-देन की सूरत में जुर्माना देना होगा.
- तय सीमा से जितना ज्यादा नकद लेन-देन होगा, उतनी ही राशि का जुर्माना देना होगा.
- अब इसे यूं समझ सकते हैं अगर आपने ढ़ाई लाख रुपये का नकद का लेन-देन किया तो आपके ऊपर जुर्माने की रकम ढ़ाई लाख रुपये होगी.
एक और अहम बदलाव आयकर को लेकर है. अगर आपने अभी तक 12 अंकों वाला विशिष्ट पहचान नंबर यानी आधार नहीं लिया है तो उसके लिए आवेदन तो कर ही दीजिए. क्योंकि वित्त विधेयक में प्रस्तावित है कि
- पहली जुलाई 2017 आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए पैन देना जरुरी होगा.
- इसका मतलब ये हुआ कि कारोबारी साल 2016-17 के लिए जब आप आयकर रिटर्न दाखिल करेंगे तो उसमें पैन का उल्लेख जरुरी है.
- आम तौर पर वेतनभोगी लोगों के लिए बीते कारोबारी साल का रिटर्न दाखिल करने के लिए अगले कारोबारी साल की 31 जुलाई आखिरी तारीख होती है.
- तकनीकी भाषा में कहे तो वित्त वर्ष 2016-17 और असेसमेंट इयर 2017-18 का रिटर्न 31 जुलाई तक दाखिल किया जा सकता है.
- यदि आधार अभी तक नहीं मिला है, लेकिन आपने उसके लिए आवेदन कर रखा है तो इनरोलमेंट नंबर देना होगा.
- यदि आपने आधार का जिक्र नहीं किया तो आफका पैन गैर-कानूनी माना जाएगा. साथ ही समझा जाएगा कि आपने पैन के लिए आवेदन किया ही नहीं है.
- पहली जुलाई 2017 से पैन के लिए आवेदन करते समय भी पैन देना जरुरी है.
वित्त मंत्रालय ने साफ किया है कि कुछ व्यक्तियों, व्यक्तियों के समूह या फिर किसी राज्य विशेष के लिए शर्तों में ढ़ील दी जा सकती है. इसके लिए अलग से अधिसूचना जारी की जाएगी. ये व्यवस्था इसीलिए भी जरुरी हैं, क्योंकि पूर्वोत्तर के कूछ हिस्सों में आधार जारी नहीं किया जाता.
वित्त विधेयक पर बहस फिलहाल जारी है. अब उम्मीद है कि बुधवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली वित्त विधेयक पर बहस के जवाब में प्रस्तावित बदलावों के बारे में विस्तार से बताएंगे.