CBDT: सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) ने विदेश पैसा भेजने भालों पर नकेल कसना शुरू कर दिया है. सीबीडीटी को पता चला है कि टैक्सपेयर्स ने विदेश भेजे गए पैसे की सही जानकारी नहीं दी है. ऐसी ही कमियों का पता लगाने के लिए जांच शुरू की गई है. ऐसे में अगर आपने 6 लाख रुपये से ज्यादा रकम विदेश भेजी है तो आप भी इनकम टैक्स (Income Tax) जांच के दायरे में आ सकते हैं. फिलहाल सीबीडीटी ने 6 लाख रुपये से ज्यादा विदेश भेजी गई रकम की जांच शुरू कर दी है. 


पिछले साल से शुरू हुआ था 20 फीसदी टीसीएस 


बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने पिछले साल 1 अक्टूबर, 2023 से 7 लाख रुपये से ज्यादा विदेश भेजने पर 20 फीसदी टीसीएस (Tax Collected at Source) लेना शुरू कर दिया था. इससे बचने के लिए कई लोगों द्वारा हेरफेर की आशंका जताई गई है. ऐसे में सीबीडीटी ने जांच शुरू कर दी है. पहले यह रेट 1 जुलाई से ही लागू किया जाना था. मगर, इसे 3 महीने के लिए टाल दिया गया था. 


मेडिकल और एजुकेशन पर खर्च को दी गई थी छूट 


इस पहले विदेश पैसा भेजने पर टीसीएस की दर 5 फीसदी थी. शुरुआत में इसमें क्रेडिट कार्ड से खर्च करना भी शामिल था. मगर, लोगों के सुझावों के आधार पर सरकार ने क्रेडिट कार्ड के माध्यम से पेमेंट को एलआरएस लिमिट (LRS limits) से बाहर कर दिया था. इसके अलावा वित्त मंत्रालय ने मेडिकल खर्च और एजुकेशन पर खर्चों को ऊंचे टैक्स रेट से छूट भी दी थी.


क्या है एलआरएस और टीसीएस 


यह रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के स्कीम है. इसे लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम कहा जाता है. इसमें आपको एक वित्त वर्ष एक अंदर 2.50 लाख डॉलर तक भेजने की अनुमति है. वहीं, टीसीएस किसी प्रोडक्ट और सर्विस को बेचते समय लगाया जाने वाला अतिरिक्त टैक्स है. इसे सेल के समय ही ले लिया जाता है. टीसीएस को आप इनकम टैक्स रिटर्न भरकर वापस ले सकते हैं.


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