CBDT Report: डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में आया जबरदस्त उछाल, भर गया सरकार का खजाना
Direct Tax Collection: सीबीडीटी ने रविवार को 10 फरवरी तक के आंकड़े जारी किए. इसके मुताबिक, डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन पिछले साल के मुकाबले बढ़ा है. साथ ही 2.77 लाख करोड़ रुपये के रिफंड भी जारी किए गए हैं.
Direct Tax Collection: सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) ने रविवार को बताया कि देश का कुल डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन बढ़कर 18.38 लाख करोड़ रुपये हो गया है. इसमें पिछले साल के मुकाबले 17.30 फीसदी का उछाल आया है. सीबीडीटी की तरफ से जारी किया गया आंकड़ा 10 फरवरी तक का है.
नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन भी 15.60 लाख करोड़ रुपये हुआ
सीबीडीटी (Central Board of Direct Taxes) ने रविवार को जारी अपनी रिपोर्ट में बताया कि देश का नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन भी पिछले साल के मुकाबले 20.25 फीसदी बढ़कर 15.60 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा छू गया है. यह आंकड़ा वित्त वर्ष 2023-24 के लिए संशोधित अनुमानों का 80.23 फीसदी है. इसके अलावा ग्रॉस डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन भी 10 फरवरी तक पिछले साल के मुकाबले 17.30 फीसदी बढ़कर 18.38 लाख करोड़ रुपये रहा है.
कॉरपोरेट और पर्सनल इनकम टैक्स के आंकड़े भी बढ़ रहे
सीबीडीटी ने कहा कि डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन के यह आंकड़े लगातार ऊपर जा रहे हैं. इसके साथ ही कॉरपोरेट इनकम टैक्स (CIT) और पर्सनल इनकम टैक्स (PIT) के आंकड़े भी लगातार बढ़ रहे हैं. कॉरपोरेट इनकम टैक्स में 13.57 फीसदी और पर्सनल इनकम टैक्स में 26.91 फीसदी की वृद्धि हुई है. सीबीडीटी के आंकड़ों के अनुसार 10 फरवरी तक 2.77 लाख करोड़ रुपये के रिफंड भी जारी किए गए हैं.
10 साल में दोगुनी हो गई आईटीआर की संख्या
भारत सरकार के आंकड़ों के अनुसार, इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Returns) भरने वालों की संख्या पिछले 10 साल में दोगुनी होकर 7.78 करोड़ हो गई है. वित्त वर्ष 2023 में भरे गए आईटीआर की यह संख्या वित्त वर्ष 2013-14 के मुकाबले 104.91 फीसदी बढ़ी है. वित्त वर्ष 2013-14 में 3.8 करोड़ आईटीआर फाइल किए गए थे.
एक दशक में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन भी 160.52 फीसदी बढ़ा
सीबीडीटी के आंकड़ों के अनुसार, समान अवधि में नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन भी 160.52 फीसदी बढ़ा है. वित्त वर्ष 2013-14 में यह आंकड़ा 6,38,596 करोड़ रुपये था. वित्त वर्ष 2022-23 में नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन बढ़कर 16,63,686 करोड़ रुपये हो गया. इन 10 साल में डायरेक्ट टैक्स टू जीडीपी रेशियो भी 5.62 फीसदी से बढ़कर 6.11 फीसदी हो गया.
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