नई दिल्ली: आयकर विभाग ने नोटबंदी के बाद मेल नहीं खाने वाले अधिक जमा राशि के बैंक खातों के मामले में 3,000 नोटिस भेजे है. पिछले 5 सप्ताह में विभाग ने 393 करोड़ रुपये की नकदी और आभूषण जब्त किए हैं. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन सुशील चंद्रा ने कहा कि 8 नवंबर को नोटबंदी के बाद से यह संज्ञान में आया है कि लोग अपने पास मौजूद कैश को बैंक में जमा कर कालेधन को सफेद कर रहे हैं.
सुशील चंद्रा ने कहा, ‘‘नोटबंदी के बाद हमने तत्काल आधार पर सूचनाएं जुटाईं. इन सूचनाओं के आधार पर हमने 291 मामलों में छापेमारी और जब्ती की कार्रवाई की. हमने 295 मामलों में सर्वे किया. बैंकों में जमा के आधार पर हमने 3,000 नोटिस भी जारी किए.’’ उन्होंने कहा कि इस अवधि में कुल 316 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की गई. इसमें 80 करोड़ रुपये नए नोटों में हैं. 76 करोड़ रुपये के आभूषण-जेवरात जब्त किए गए. इस तरह कुल 393 करोड़ रुपये की जब्ती की गई. इन सर्वे के आधार पर छुपाई गई आमदनी करीब 2,600 करोड़ रुपये बैठती है.
सीबीडीटी प्रमुख ने कालेधन को सफेद करने के तरीकों का जिक्र करते हुए कहा कि यह काम बुलियन, गहनों की खरीद, नकद लेनदेन को पिछली तारीख में दिखाना, कई खातों में 2.5 लाख रुपये से कुछ कम की नकदी रखना, जनधन खातों में जमा, फर्जी कंपनियां और कर्ज के भुगतान के लिए कैश का इस्तेमाल करने जैसे तरीकों से किया गया है.
चंद्रा ने कहा कि सीबीडीटी सभी बैंक खातों का आंकड़ा जुटा रहा है. इन आंकड़ों का विश्लेषण मौजूदा आयकर आंकड़ों के आधार पर किया जाएगा. उन्होंने कहा कि ऐसे में बैंक खातों में पैसा जमा कराने वालों को जानना चाहिए कि उनके खाते पर निगाह है. हम यह जांच कर रहे हैं कि यह बेहिसाबी या हिसाबी धन है. ऐसे में आज से शुरू हुई इनकम डिस्क्लोजर इनकम योजना के तहत पूरी-पूरी तरह साफ होना पड़ेगा. यह काला धन मालिकों को उपलब्ध आखिरी सुविधा या खिड़की है.
वहीं राजस्व सचिव हसमुख अढिया ने कल कहा है कि सिर्फ जनधन खातों के मालिकों को छोड़कर एक महीने में अन्य सभी खाताधारकों के पैन नंबर जुटा लिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि 12 मामलों में धड़ाधड़ पुराने नोटों को नई करेंसी में बदला गया. सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की है. वहीं प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लांड्रिंग के 17 मामले दर्ज किए हैं. नोटबंदी के बाद से ही बैंकों के बाहर पुराने नोटों को जमा कराने के लिए लंबी लाइनें लगी हैं.