UCO Bank IMPS Issue: क्या राजस्थान से हुई यूको बैंक में 820 करोड़ रुपये की गड़बड़ी, सीबीआई जांच में सुई जयपुर-जोधपुर पर अटकी
UCO Bank IMPS: यूको बैंक की आईएमपीएस सेवा में हुई गड़बड़ी के चलते बैंक के 820 करोड़ रुपये फंस गए थे. मामले की जांच सीबीआई कर रही है. ज्यादा समस्या आईडीएफसी फर्स्ट और यूको बैंक के बीच हुए लेनदेन में आई.
UCO Bank IMPS Issue: यूको बैंक की आईएमपीएस सेवा (IMPS) पर 10 से 13 नवंबर के बीच हुए हमले में बैंक के लगभग 820 करोड़ रुपये अटक गए थे. हालांकि, काफी प्रयासों के बाद बैंक इनमें से 649 करोड़ ही रिकवर कर पाया. बाकी के 149 करोड़ रुपये पर बैंक ने फिलहाल कोई जानकारी नहीं दी है. सरकारी क्षेत्र के यूको बैंक ने इस समस्या की जानकारी कानून प्रवर्तन एजेंसियों को दे दी थी. बैंक ने इसे साइबर हमला न मानकर तकनीकी समस्या बताया था. सूत्रों के मुताबिक, अब इस मामले में चल रही सीबीआई (CBI) जांच में शक की सुई राजस्थान के दो शहरों जयपुर और जोधपुर पर अटक गई है.
आईडीएफसी फर्स्ट और यूको बैंक के बीच हुई गड़बड़ी
जांच में पता चला है कि इस महीने की शुरुआत से ही कई मौकों पर जयपुर और जोधपुर के कई बैंक कस्टमर इस दिक्कत का सामना कर चुके थे. सबसे ज्यादा समस्या आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के सेविंग्स अकाउंट से यूको बैंक में आईएमपीएस करने में आ रही थी. इसमें आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के खाते से पैसा डेबिट नहीं होता था. लेकिन, यूको बैंक के खाते में क्रेडिट हो जाता था. यह गड़बड़ी पहली बार 10 नवंबर को हुई. धीरे-धीरे यह समस्या बढ़ती गई और बैंक के 820 करोड़ रुपये फंस गए. फिर बैंक ने इन खातों से लेनदेन बंद कर पैसा रिकवर करने की कार्रवाई शुरू की.
जांच में जुटी है सीबीआई
यूको बैंक के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, मैनेजमेंट ने इस मामले को गंभीरता से लिया है. हम लगातार जांच पर नजर बनाए हुए हैं. शुरुआती जांच में कुछ बातें सामने आई हैं. मगर अभी निश्चित तौर पर नहीं कहा जा सकता कि यह मानवीय भूल थी या फिर कोई तकनीकी दिक्कत. सीबीआई अपना काम कर रही है.
सरकारी बैंक डिजिटल ऑपरेशन सिस्टम सुधारें- वित्त मंत्रालय
वित्त मंत्रालय ने यूको बैंक में हुई घटना को ध्यान में रखते हुए सरकारी बैंकों से अपने डिजिटल ऑपरेशन सिस्टम की समीक्षा करने को कहा है. सूत्रों के मुताबिक, वित्त मंत्रालय ने बैंकों को सलाह दी है कि वे अपनी साइबर सेफ्टी की जांच करें और उसे मजबूत बनाएं. बैंकों को कड़ी निगरानी रखने और साइबर खतरों के लिए तैयार रहने को कहा गया है.
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