नई दिल्ली: पंजाब नेशनल बैंक में 13,540 करोड़ रुपये के हुए घोटाले के बाद एक और ज्वैलरी व्यापारी ने अलग-अलग बैंकों को 824 करोड़ रुपये का चूना लगाया है. सीबीआई इन 14 बैंकों के 824 करोड़ रुपये के घोटाले में कनिष्क गोल्ड प्राइवेट लिमिटेड (केजीपीएल) के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर आज कंपनी के निदेशकों से पूछताछ कर रही है. इससे पहले सीबीआई ने बुधवार को केजीपीएल के दफ्तर और इसके आरोपियों के ठिकानों पर छापेमारी की थी.


सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा, "हमारे बेंगलुरू कार्यालय में केजीपीएल के निदेशक भूपेश कुमार जैन और नीता जैन से पूछताछ की जा रही है." चेन्नई स्थित कनिष्क गोल्ड द्वारा 14 बैंकों को 824.15 करोड़ रुपये का चूना लगाने का मामला बुधवार को सामने आया था.


किन बैंकों को कितना का लगाया चूना?
केजीपीएल को एसबीआई ने 240 करोड़ रुपये, पंजाब नेशनल बैंक(पीएनबी) ने 128 करोड़ रुपये, बैंक ऑफ इंडिया ने 46 करोड़ रुपये, आईडीबीआई ने 49 करोड़ रुपये, सिंडीकेट बैंक ने 54 करोड़ रुपये, युनियन बैंक ने 53 करोड़ रुपये, यूको बैंक ने 45 करोड़ रुपये, सेंट्रल बैंक ने 22 करोड़ रुपये, कॉर्पोरेशन बैंक ने 23 करोड़ रुपये, बैंक ऑफ बड़ौदा ने 32 करोड़ रुपये, तमिलनाडु मर्के टाइल बैंक ने 27 करोड़ रुपये, एचडीएफसी ने 27 करोड़ रुपये, आईसीआईसीआई बैंक ने 27 करोड़ रुपये और आंध्रा बैंक ने 32 करोड़ रुपये का कर्ज दिया था.


केजीपीएल ने कथित तौर पर 2008 की शुरुआत से अब तक 10 वर्षों में दौरान फर्जी रिकॉर्ड के जरिए बैंक से पैसे लिए. नीरव मोदी और गीतांजलि समूह के मेहुल चोकसी ने भी गलत तरीके से लेटर ऑफ अंडरस्टैंडिंग (एलओयू) के जरिए 13,540 करोड़ रुपये का घोटाला किया था. नीरव मोदी और मेहुल चोकसी भारत छोड़कर फरार हो चुके हैं.


जनवरी में हुई थी एफआईआर
इसी साल जनवरी में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को की गई शिकायत में एसबीआई ने कहा कि बैंक ने अपने खाते की फोरेंसिक ऑडिट में पाया कि केजीपीएल और इसके डायरेक्टर भूपेश कुमार जैन और उसकी पत्नी नीता जैन ने बैंक के साथ धोखाधड़ी करने के इरादे से गलत रिकॉर्ड बैंकों को दिये.