(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
GST: ई-गेमिंग कंपनियों को मिली भारी टैक्स डिमांड पर बोले CBIC चेयरमैन, 'कानूनी प्रावधानों के तहत भेजे गए नोटिस'
CBIC Chairman on GST: सीबीआईसी के चेयरमैन ने कहा है कि हम ऑनलाइन गेमिंग के लिए संशोधित जीएसटी की दरों का प्रावधान एक अक्टूबर से लागू करने के लिये पूरी तरह से तैयार हैं.
CBIC Chairman on Tax Demand Notice: सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम्स (सीबीआईसी) के चेयरमैन संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि कथित टैक्स चोरी को लेकर ई-गेमिंग कंपनियों को कानूनी प्रावधानों के तहत कारण बताओ नोटिस जारी किये गये हैं. उन्होंने कहा कि टैक्स डिमांड नोटिस आंकड़ों के विश्लेषण पर आधारित है. अग्रवाल ने यह भी कहा कि सरकार एक अक्टूबर से विदेशी ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म के अनिवार्य रजिस्ट्रेशन के साथ-साथ ऑनलाइन गेमिंग, कसीनो और घुड़दौड़ पर 28 फीसदी टैक्स लगाने के संशोधित प्रावधानों को लागू करने को पूरी तरह से तैयार है.
जीएसटी काउंसिल ने जुलाई और अगस्त में अपनी बैठकों में ऑनलाइन गेमिंग, कसीनो और घुड़दौड़ को टैक्सेबल कार्रवाई दावों के रूप में शामिल करने के लिये कानून में संशोधन को मंजूरी दी थी. साथ ही साफ कर दिया था कि ऐसी आपूर्ति के मामले में दांव में लगी पूरी राशि पर 28 फीसदी माल और सेवा कर (जीएसटी) लगेगा.
सीबीआईसी के चेयरमैन ने कहा, "हम ऑनलाइन गेमिंग का संशोधित प्रावधान एक अक्टूबर से लागू करने के लिये पूरी तरह से तैयार हैं. जीएसटी काउंसिल की पिछली बैठक में लिये गये निर्णय के अनुसार, संबंधित नोटिफिकेशन प्रक्रियाधीन हैं. सभी राज्यों के लिये इस संदर्भ में 30 सितंबर तक कानून बनाना या अध्यादेश लाना जरूरी है."
संसद ने काउंसिल के फैसले को असरदार बनाने के लिये पिछले महीने सेंट्रल जीएसटी और इंटीग्रेटेड जीएसटी कानूनों में संशोधन पारित किया. तब से ड्रीम-11 जैसी ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों और कसीनो चलाने वाली डेल्टा कॉर्प को उनके मंच के जरिये दांव पर लगाये गये पूर्ण अंकित मूल्य पर 28 फीसदी जीएसटी का भुगतान न करने को लेकर कर अधिकारियों से कारण बताओ नोटिस मिले हैं.
अग्रवाल ने कहा, ‘‘जो कारण बताओ नोटिस जारी किये जा रहे हैं, वे कानूनी प्रावधान के अनुसार है... विभाग कानून की व्याख्या में एक समान रुख अपना रहा है. उसी के तहत कारण बताओ नोटिस जारी किये जा रहे हैं.’’ इन ई-गेमिंग कंपनियों पर बकाया कर राशि के बारे में पूछे जाने पर अग्रवाल ने कहा, ‘‘मेरे लिए इस बारे में कुछ कहना बहुत मुश्किल है क्योंकि कई कंपनियां हैं. आंकड़े एकत्र किये जा रहे हैं और जहां भी आंकड़े प्राप्त हए हैं, विभाग ने कारण बताओ जारी किया है.’’
जीएसटी की शुरुआत से ही ऑनलाइन गेमिंग, कसीनो और घुड़दौड़ पर 28 फीसदी कर लगाया गया था. जीएसटी काउंसिल ने निर्णय लिया था कि इन आपूर्तियों को कार्रवाई योग्य दावों के रूप में वर्गीकृत करने और कराधान प्रावधानों को स्पष्ट करने का संशोधित प्रावधान एक अक्टूबर से लागू होगा. इसकी समीक्षा छह महीने बाद, यानी अप्रैल 2024 में किये जाने का प्रस्ताव है.
भले ही सेंट्रल जीएसटी और इंटीग्रेटेड जीएसटी कानूनों में संशोधन संसद में पारित हो गये हैं, लेकिन वित्त मंत्रालय ने अभी तक इन स्पष्टीकरण संशोधनों को लागू करने की नियत तारीख नोटिफाई नहीं की है. लगभग 12 राज्यों ने अपनी विधानसभाओं में जीएसटी में जरूरी संशोधनों को पारित कर दिया है. ऐसा समझा जाता है कि इतनी ही संख्या में राज्य एक अक्टूबर से बदलाव को लागू करने के लिये अध्यादेश लेकर आए हैं. इसके अलावा, कुछ राज्यों को जीएसटी कानून में संशोधन पारित करना बाकी है.
डेल्टा कॉर्प को 16,800 करोड़ रुपये कम टैक्स भुगतान को लेकर पिछले हफ्ते कारण बताओ नोटिस दिया गया. ऑनलाइन गेमिंग कंपनी गेम्सक्राफ्ट को पिछले साल सितंबर में 21,000 करोड़ रुपये जीएसटी की वसूली के लिये इसी तरह का कारण बताओ नोटिस दिया गया था. कंपनी ने कर्नाटक हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था जिसने कारण बताओ नोटिस को रद्द कर दिया था. इसके बाद, जुलाई में राजस्व विभाग ने गेम्सक्राफ्ट मामले में कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट में एक विशेष अनुमति याचिका दायर की. मामले की सुनवाई की अगली तारीख 10 अक्टूबर तय की गयी है.
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