CBIC Exchange Rates: विनिमय दरों की नई व्यवस्था पर हो रहा है काम, जल्द ही मिलने लगेगा डेली अपडेट
Exchange Rate Update: अभी सीबीआईसी 22 विदेशी मुद्राओं के साथ भारतीय रुपये की विनिमय दर पखवाड़े के आधार पर प्रकाशित करता है. अब इस व्यवस्था में बदलाव करने की योजना है...
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा-शुल्क बोर्ड (CBIC) भारतीय रुपये के साथ प्रमुख विदेशी मुद्राओं की विनिमय दरों (Exchange Rates) को लेकर व्यवस्था में एक बड़े बदलाव की तैयारी में है. जल्दी ही यह बदलाव लागू हो सकता है और अगर ऐसा हुआ तो उसके बाद अन्य मुद्राओं के साथ रुपये की विनिमय दर का प्रकाशन हर रोज होगा.
इन लोगों की होगी मदद
पीटीआई की एक खबर के अनुसार, सीबीआई अपने एकीकृत सीमा शुल्क पोर्टल पर मुद्रा विनिमय की दरों को पखवाड़े के बजाय दैनिक आधार पर जारी करने की व्यवस्था जल्द ही शुरू करने वाला है. दैनिक आधार पर मुद्रा विनिमय दर सीमा शुल्क या कस्टम पोर्टल पर जारी होने से विनिमय दरों में होने वाले उतार-चढ़ाव पर नजर रखने में मदद मिलेगी. इससे आयातकों एवं निर्यातकों को दैनिक दरों के आधार पर सीमा-शुल्क दरों का हिसाब लगाने में मदद मिलेगी.
अभी है ये व्यवस्था
फिलहाल सीबीआईसी हर पखवाड़े 22 प्रमुख मुद्राओं की विनिमय दरों को अधिसूचित करता है. भारतीय स्टेट बैंक (SBI) से हासिल दरों के आधार पर सीबीआईसी यह काम हर महीने के पहले और तीसरे गुरुवार को करता है. उसके अगले दिन से ही नई दरें लागू हो जाती हैं.
ऐसे होगा बदलाव
एक अधिकारी ने कहा कि विनिमय दरों की अधिसूचना की समूची प्रक्रिया को अब ऑटोमैटिक बनाया जाएगा. एसबीआई से मिलने वाली दरों को हर दिन निकटतम पांच अंक तक एडजस्ट किया जाएगा और उसे भारतीय सीमा-शुल्क ईडीआई प्रणाली के साथ एकीकृत करने के बाद शाम छह बजे तक ‘इंडियन कस्टम्स नेशनल ट्रेड पोर्टल’ (आईसगेट) पर डाला जाएगा.
जारी है विचार-विमर्श
अधिकारी ने कहा, मुद्राओं की विनिमय दरों में होने वाले उतार-चढ़ाव पर अधिक करीब से नजर रखने के लिए सीबीआईसी ने आईसगेट पोर्टल पर हर दिन 22 मुद्राओं की विनिमय दरें प्रकाशित करने का फैसला किया है. इस बारे में सभी संबंधित पक्षों के साथ सलाह-मशविरा चल रहा है. नई प्रणाली को जल्द ही लागू कर दिया जाएगा.
योजना पर एक्सपर्ट की राय
इस योजना के मुताबिक, अवकाश के दिनों पर एसबीआई की तरफ से विनिमय दरें जारी नहीं होने की स्थिति में एक दिन पहले की दरें ही लागू होंगी. इस प्रस्तावित बदलाव को एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के सीनियर पार्टनर रजत मोहन ने कहा कि इससे विनिमय दरों में उतार-चढ़ाव की वजह से सीमा-शुल्क की गणना में होने वाली गलतियों को दूर करने में मदद मिलेगी.
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