Air India-Vistara Airlines Merger: कंपटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) ने एक सितंबर, शुक्रवार को टाटा ग्रुप की एयरलाइंस विस्तारा और एयर इंडिया को कुछ शर्तों के तहत विलय की मंजूरी दे दी है. इस अप्रूवल के बाद एयल इंडिया देश का सबसे बड़ा इंटरनेशनल उड़ान भरने वाली एयलाइंस बन सकता है, जबकि डोमेस्टिक फ्लाइट के मामले में यह दूसरी बड़ी एयरलाइंस होगी. पहले नंबर पर इंडिगो है.
अधिसूचना में कहा गया है कि CCI ने टाटा एसआईए एयरलाइंस के एयर इंडिया में विलय और सिंगापुर एयरलाइंस (एसआईए) की ओर एयर इंडिया में कुछ शेयरधारिता के अधिग्रहण को मंजूरी दे दी है. इस प्रस्ताव के तहत टाटा एसआईए एयरलाइंस लिमिटेड (टीएसएएल/विस्तारा) का विलय एयर इंडिया लिमिटेड में किया जाएगा.
टाटा ग्रुप की ओर से कहा गया है कि विलय की विस्तार से जानकारी बाद में दी जाएगी. गौरतलब है कि इस मंजूरी से पहले जून में सीसीआई ने एयर इंडिया को कारण बताओ नोटिस जारी किया था. नोटिस में स्पष्टीकरण मांगा गया था कि प्रतिस्पर्धा को लेकर विस्तारा के साथ उसके प्रस्तावित विलय की जांच क्यों नहीं की जानी चाहिए.
टाटा ग्रुप का यह कदम विमानन बिजनेस को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है. विस्तारा और एयर इंडिया दोनों टाटा ग्रुप की एयरलाइंस हैं. विस्तार में सिंगापुर एयरलाइंस (SIA) की 49 फीसदी हिस्सेदारी है. विलय से पहले SIA 25.1 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए एयर इंडिया में 2,059 करोड़ रुपये लगाएगी. इसके बाद एयलाइन में टाटा संस की 74.9 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी.
गौरतलब है कि टाटा संस और एसआईए ने इस साल अप्रैल में सीसीआई के साथ एक विलय आवेदन दायर किया था, जिसमें बताया गया था कि एयर इंडिया के साथ विस्तारा के प्रस्तावित विलय से प्रतिस्पर्धा पर कोई प्रभाव नहीं होगा. मार्च 2024 तक विलय डील पर मुहर लगने की उम्मीद है.
CAPA इंडिया का कहना है कि विलय होने के बाद अगले छह वर्षों में एयर इंडिया को आकार बढ़ेगा. साथ ही गुणवत्ता और ग्लोबल नेटवर्क में भी बड़ा सुधार होने की उम्मीद है. आने वाले दिनों में टाटा की एयरलाइंस ग्लोबल स्तर पर 50 फीसदी हिस्सेदारी हासिल कर सकती है.
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