CCPA  Action on Surrogate Advertising: केंद्र सरकार सरोगेट विज्ञापन पर सख्ती के मूड में है. मोदी सरकार ने सरोगेट विज्ञापन (Surrogate Advertising) के जरिए नशा, सिगरेट, पान मसाला का प्रचार करने वाली कंपनियों को चेतावनी जारी किया है. कंजूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 (Consumer Protection Act 2019) को लागू किए जाने के बाद भी देशभर में इस तरह के विज्ञापन के मामले लगातार सामने आ रहे हैं.


कई मामलों में यह पाया गया है एडवाइजिंग कंपनियां सरकार द्वारा विज्ञापनों के लिए बनाएं गए रूल्स का पालन नहीं कर रही है. कई कंपनियां कई निषिद्ध चीजों जैसे शराब, सिगरेट, पान मसाला आदि का प्रचार सेरोगेट एडवाइजमेंट के जरिए कर रही है. इस तरह के मामलों को देखते हुए सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (CCPA) ने विज्ञापन कंपनियों को नई गाइडलाइन्स जारी की है. कंपनियों द्वारा इन गाइडलाइन्स को न फॉलो करने पर उनके ऊपर सख्त कार्रवाई हो सकती है.


क्या होता है सरोगेट विज्ञापन?
कई विज्ञापन कंपनियां किसी मादक पदार्थ का प्रचार सीधे तौर पर न करके किसी इलायची, म्यूजिक सीडी, सोडा ड्रिंक आदि के रूप में करती है. इसके लिए वह दोनों के पैकेजिंग और ब्रांडिंग को एक तरह का रखती हैं. उदाहरण के तौर पर सोडा के विज्ञापन की आड़ में शराब बेचना, इलायची की आड़ में पान मसाला बेचना यह सभी सरोगेट विज्ञापन हैं. सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी ने कहा है कि इस तरह के भ्रामक और सरोगेट विज्ञापनों के खिलाफ पर सरकार कठोर कदम उठाएगी.


बता दें, सरोगेट विज्ञापन दिखाए जाने पर  मैन्युफैक्चरिंग, एडवरटाइजर्स और एंडोर्सर्स पर CCPA 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगा सकता है जिसे बाद में 50 लाख तक बढ़ाया जा सकता है. इसके साथ ही दोषी पाए जाने पर 3 साल की जेल भी हो सकती है.CCPA ने कहा कि कई विज्ञापन कंपनियां सोडा, इलायची के नाम पर मादक पदार्थों का प्रचार कर लोगों को भ्रमित कर रहे हैं. अथॉरिटी ने कहा कि हमने पिछले कुछ दिनों में इस तरह के कई प्रचार देखें हैं.


इस तरह के विज्ञापनों को माना जाएगा भ्रामक
CCPA ने अपने दिशानिर्देशों में कहा है कि विज्ञापन के अनुसार किसी प्रोडक्ट में वह चीजें नहीं पाई जाती हैं तो ऐसी स्थिति में इस तरह के एडवाइजमेंट को गलत और भ्रामक माना जाएगा. इसके साथ ही जिन विज्ञापन में डिस्क्लेमर और प्रोडक्ट भी अलग पाए जाते हैं तो ऐसी स्थिति में भी विज्ञापन को भ्रामक माना जाएगा. ऐसा करने पर उस एडवाइजिंग कंपनियां पर सरकार सख्त कार्रवाई करेगी.


सेलिब्रिटी की होगी जिम्मेदारी तय
इसके साथ ही CCPA ने यह भी कहा है कि अगर सेलिब्रिटी ने कोई गलत जानकारी विज्ञापन के जरिए दी या उसका दावा गलत साबित होता है तो उसकी भी जिम्मेदारी तय की जाएगी. इसके साथ ही किसी भी ऐसे चीज का विज्ञापन बनाना प्रतिबंधित है जो मादक कैटेगरी में आता है. इसमें प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष विज्ञापन (Surrogate Advertising) दोनों शामिल हैं.


ये भी पढ़ें-


Digital Lending Apps: लोन के नाम पर लोगों के साथ डिजिटल लेंडिंग नहीं कर पाएंगे धोखा! RBI ने जारी की गाइडलाइन


IIT Delhi Fees: आईआईटी दिल्ली ने घटाई M.Tech समेत कई PG कोर्स की फीस, जानें क्यों लिया ये कदम