Record Demat Accounts: रूस के यूक्रेन पर हमले, विदेशी निवेशकों की बिकवाली और कमोडिटी के बढ़ते दाम के चलते भारतीय शेयर बाजार में लगातार उठापटक देखी जा रही है. बाजार किसी दिन हरे तो किसी भी लाल निशान में कारोबार कर रहा होता है. बावजूद इसके शेयर बाजार में निवेश करने वाले निवेशकों की तादाद दिनोंदिन बढ़ती जा रही है. पिछले तीन महीने में एक करोड़ डिमैट अकाउंट खोले गए हैं. हालांकि इसकी बड़ी वजह एलआईसी का आईपीओ भी है. जिसमें निवेश करने के लिए पॉलिसीधारक डिमैट अकाउंट खुलवा रहे हैं. 


सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज (इंडिया) लिमिटेड (CDSL) के मुताबिक ने 1 मार्च को कहा कि उसके पास अब छह करोड़ सक्रिय डीमैट अकाउंट हैं.  नवंबर 2021 में इनके पास 5 करोड़ अकाउंट्स थे. यानि केवल तीन महीने में डीमैट खातों की सबसे बड़ी डिपॉजिटरी को केवल 3 महीने का समय लगा है. एक करोड़ डिमैट खाते तीन महीने में खुल गए हैं. सीडीएसएल के एमडी और सीईओ नेहल वोरा ने कहा कैपिटल मार्केट रेगुलेटर, मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर इंस्टिट्यूशंस, मार्केट मीडियेटरीज और सीडीएसएल के कर्मचारियों के कारण ये उपलब्धि हासिल हुई है. सेबी की दूरदर्शिता, कड़ी मेहनत और इनोवेशन के कारण डीमैट खाता खोलना बेहद आसान कर दिया है. 


सीडीएसएल की स्थापना सभी मार्केट पार्टिसिपंट्स को सस्ती कीमत पर सुविधाजनक, भरोसेमंद और सुरक्षित डिपॉजिटरी सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए की गई थी. सीडीएसएल के अध्यक्ष बी वी चौबल ने कहा कि यह देखकर सुकून मिलता है कि नए डीमैट खातों के पंजीकरण का फोकस अब महानगरों से tier II and III शहरों में शिफ्ट हो रहा है जो भारतीय कैपिटल मार्केट के विस्तार का संकेत है. उऩ्होंने कहा कि, अब हमारे पास 6 करोड़ डीमैट खाते हैं, फिर भी हमारे डीमैट खाते अभी भी पूरी आबादी के लिहाज से बहुत कम हैं. 


CDSL की वेबसाइट के मुताबिक जनवरी 2022 तक CDSL के पास 5.85 करोड़ डीमैट खाते थे और नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (National Securities Depository Ltd(NSDL) के पास 2.54 करोड़ डीमैट खाते थे. 


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