India GDP: मुख्य आर्थिक सलाहकार बोले, ठोस आर्थिक नीतियों की बदौलत लंबी अवधि तक तेज गति से विकास करेगी भारतीय अर्थव्यवस्था
Chief Economic Advisor: मुख्य आर्थिक सलाहकार का मानना है कि 2022-23 के लिए जब फाइनल जीडीपी के आंकड़े आयेंगे तो वो 7.2 फीसदी से ज्यादा होगा.
Indian Economy News Update: मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था लंबी अवधि तक तेजी के साथ विकास करता रहेगा. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दशकों में जब भी भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूती के साथ तेज गति से विकास करता नजर आ रहा होता है अचानक कोई ना कोई समस्या उसकी राह में रोड़ा बनकर खड़ी हो जाती है. लेकिन इस बार ठोस आर्थिक नीतियों, मजबूत आधारभूत ढांचा और अर्थव्यवस्था के डिजिटलीकरण के चलते भारत बगैर किसी रुकावट के लंबी अवधि तक तेजी के साथ विकास करेगा.
2022-23 में 7.2% से ज्यादा रहेगा GDP
मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि जीडीपी के आंकड़े घोषित हुए हैं उसके मुताबिक 2022-23 में भारत का जीडीपी 7.2 फीसदी रहा है हालांकि इसके पूर्व वर्ष में कोरोना महामारी और लो बेस के चलते 9.1 फीसदी रहा था. कई लोगों का मानना था वित्त वर्ष 2022-23 में आर्थिक विकास दर 6.7 या 6.8 फीसदी के आसपास रह सकता है, लेकिन हकीकत में 7.2 फीसदी रहा है. उन्होंने कहा कि जीडीपी के आंकड़े की छह बार समीक्षा की जाती है. फाइनल आंकड़ा तीन साल बाद आएगा. और जब आंकड़े घोषित होंगे तो वो 7.2 फीसदी से ज्यादा होगा.
निजी खपत 16 सालों के हाई पर
वी अनंत नागेश्वरन ने कहा कि चौथी तिमाही में दूसरी अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले भारतीय अर्थव्यवस्था ने तेजी के साथ विकास किया है. उन्होंने कहा कि दूसरी और तीसरी तिमाही में महंगे कच्चे तेल और महंगे कर्ज के चलते स्लोडाउन देखने को मिला था. लेकिन सर्विसेज - कृषि समेत सभी सेक्टर्स ने बेहतर विकास किया है. मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि कोरोना महामारी के चलते अर्थव्यवस्था को जो भी नुकसान हुआ था उसकी भरपाई की जा चुकी है. उन्होंने कहा कि बीते 16 सालों में जीडीपी के मुकाबले निजी खपत सबसे ज्यादा रहा है. उन्होंने कहा कि इकोनॉमी के सभी इंडिकेटर्स बेहतरी की ओर इशारा कर रहे हैं. जीएसटी कलेक्शन, बैंकों द्वारा दिये जाने वाले कर्ज में उछाल इस ओर इशारा करता है कि अर्थव्यवस्था पटरी पर है और 2023-24 में भी अर्थव्यवस्था तेज गति से विकास करेगा.
ग्रामीण अर्थव्यवस्था में आएगी तेजी
उन्होंने कहा कि खाद्यान्न के रिकॉर्ड प्रोडक्शन और बेहतर सरकारी खरीद के चलते देश में खाद्यान्न का पर्याप्त भंडार है. और कीमतों में किसी भी प्रकार के उछाल ने निपटने में सक्षम है. उन्होंने कहा कि घरेलू ट्रैक्टर्स के सेल्स कोरोना पूर्व दौर के ऊपर जा पहुंचा है. मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि सीमेंट और स्टील प्रोडक्शन में तेजी देखी जा रही है. इसके चलते रेसिडेंशियल और नॉन रेसिडेंशियल कंस्ट्रक्शन एक्टिविटी में तेजी आएगी तो ग्रामीण इलाकों से रोजगार की तलाश में लोग फिर से शहरों की तरफ रूख करेंगे. उनकी आय बढ़ेगी तो वे अपने घर पैसे भेजेंगे इससे ग्रामीण इलाकों में मांग बढ़ेगी तो इसका फायदा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को होगा.
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