Adani Group: अडानी समूह ने हिमाचल प्रदेश में अपने दो सीमेंट प्लांट को बंद करने का फैसला लिया है जिससे प्रदेश में सीमेंट के स्थानीय डीलर्स बेहद परेशान है. अडानी समूह ने महंगे ट्रक भाड़े के चलते इन दोनों फैक्टियों के ऑपरेशन को फिलहाल बंद कर दिया है. महंगे माल भाड़े के कारण कंपनी को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा था. हालांकि सरकार अडानी समूह और ट्रांसपोर्ट्स के बीच जारी गतिरोध को खत्म करने के लिए बैठक कर रही है.
दोनों पक्षों के बीच सहमति बनाने की कोशिश
शनिवार 24 दिसंबर को परिवहन विभाग के प्रधान सचिव आर.डी. नजीम और जिला बिलासपुर व जिला सोलन के उपायुक्त की मौजूदगी में अडानी समूह और ट्रक यूनियन के बीच बैठक हुई है. इस बैठक में हाई कोर्ट की ओर से तय किए गए फॉर्मूला पर माल-भाड़ा देने की बात हुई है. सरकार इस फार्मूला पर दोनों पक्षों की सहमति बनाने की कोशिश कर रही है. हाईकोर्ट के फार्मूला पर सोलन जिला की यूनियन काम करने के लिए तैयार है, जबकि बिलासपुर यूनियन एक जनरल हाउस करने वाली है. इस जनरल हाउस में ही माल भाड़े को लेकर चर्चा होगी. जनरल हाउस में लिया गया फैसला जिला बिलासपुर उपायुक्त को बताया जाएगा. इसके लिए 3 जनवरी, 2023 तक का समय तय किया गया है.
माल भाड़े पर बना हुआ है गतिरोध
अडानी समूह 6 रुपए प्रति टन में ढुलाई चाहता है, जबकि ट्रांसपोर्ट यूनियन 11.41 रुपए प्रति टन माल भाड़े की मांग कर रहे हैं. बिलासपुर डिस्ट्रटिक ट्रक सोसाइटी (BDTS) के अध्यक्ष राकेश ठाकुर ने कहा कि बातचीत के दौरान वे सरकार की ओर से प्रस्तावित फॉर्मूला पर विचार कर रहे हैं. भाड़ा तय करने के लिए मंगलवार को जिला बिलासपुर उपायुक्त के साथ एक बार फिर बैठक होगी. इस बैठक में माल भाड़े को लेकर चर्चा होगी.
सीमेंट डीलर्स परेशान
अडानी के सीमेंट प्लांट के बंद होने से सबसे ज्यादा परेशान है सीमेंट डीलर्स हैं. उन्होंने कहा कि प्लांट के बंद होने से सीमेंट की सप्लाई बाधित हो चुकी है. उनका कहना है कि हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में इन सीमेंट प्लांट का बड़ा योगदान रहा है. सीमेंट डीलर अमर कांत वर्मा का कहा है कि अडानी ग्रुप के साथ 5 से 6 महीने से जुड़कर हम गर्व महसूस कर रहे हैं. अडानी के भारतीय कंपनी होने पर गर्व है. उन्होंने कहा कि ट्रांसपोर्ट्स को नरम रूख अपना कर इस मसले पर बात करनी चाहिए जिससे आम लोगों को सस्ता सीमेंट मिले और आर्थिक विकास को बढ़ावा दिया जा सके. उन्होंने बताया कि हिमाचल में सीमेंट ऐसी इंडस्ट्री जिसने यहां लोगों को आर्थिक रूप से मजबूत किया है, सरकार के राजस्व में बड़ा योगदान सीमेंट इंडस्ट्री का रहा है. मनोज शर्मा नाम के सीमेंट डीलर ने कहा कि कंपनी और ट्रांसपोर्ट्स को आपस में बात कर समाधान निकालना चाहिए. उन्होंने कहा कि बिना फायदे के कंपनी नहीं चलेगी. अगर कंपनी का प्लांट बंद रही तो कई स्थानीय कारोबार प्रभावित होंगी.
नुकसान के चलते कंपनी ने बंद किया प्लांट
उच्च माल भाड़े के चलते अडानी समूह को भारी भरकम नुकसान हो रहा था जिसके बाद कंपनी ने दोनों सीमेंट प्लांट को बंद कर दिया है. कंपनी ट्रांसपोर्ट्स के साथ बातचीत कर रही है. इससे पहले कंपनी ने कहा था कि ट्रांसपोर्ट्स के अड़ियल रूख को लेकर कंपनी बहुत दुखी है क्योंकि हिमाचल के साथ कंपनी का 4 दशक पुराना रिश्ता रहा है.
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