Cement Price Hike: सपनों का घर बनाना हुआ और महंगा, देशभर में बढ़ गई सीमेंट की कीमतें
Real Estate Sector: सीमेंट के दामों में बढ़ोतरी का बड़ा असर हाउसिंग सेक्टर पर देखने को मिलेगा जो पहले से ही कंस्ट्रक्शन लागत के बढ़ने से परेशान है.
Cement Price Hike: घर बनाना अब और महंगा हो गया है. इसकी वजह गै सीमेंट के दामों में बढ़ोतरी. देशभर में सीमेंट की 50 किलो वाले बैग की कीमतों में 5 से 20 रुपये प्रति बैग की बढ़ोतरी देखी जा रही है. मानसून खत्म होने के बाद सीमेंट की डिमांड बढ़ जाती है. इस डिमांड को भूनाने के लिए देशभर में सीमेंट डीलर्स ने कीमतें बढ़ा दिए है.
पिछले 4-5 महीने से सीमेंट के दाम फ्लैट रहे थे. इससे सीमेंट डीलर्स के मार्जिन में कमी आ गई थी तो सीमेंट कंपनियों के मुनाफे पर भी असर दखा जा रहा था. ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक दिसंबर की शुरुआत से देशभर में सीमेंट डीलर्स ने कीमतों में बढ़ोतरी कर दी है. रियल एस्टेट सेक्टर में कंट्रक्शन के जोर पकड़ने के बाद सीमेंट की डिमांड में जोरदार उछाल देखा जा रहा है. फेस्टिव सीजन के खत्म होने के बाद लेबर उपलब्धता बढ़ गई है. ऐसे में इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर रियल एस्टेट सेक्टर में कंट्रक्शन ने जोर पकड़ लिया है. इसके चलते सीमेंट की मांग में तेजी आई है.
देश के पश्चिमी क्षेत्र में डीलर्स ने 5-10 रुपये प्रति बैग सीमेंट के दाम बढ़ा दिए हैं. इस रीजन में सीमेंट की कीमतें 350-400 रुपये प्रति बैग हो गई है. पूर्वी राज्यों में सबसे ज्यादा सीमेंट की कीमतों में इजाफा देखा जा रहा है. इस रीजन में 30 रुपये प्रति बैग तक सीमेंट महंगा हो गया है. दिल्ली में सीमेंट डीलर्स ने 20 रुपये प्रति बैग तक सीमेंट के दाम बढ़ा दिए हैं. दक्षिण राज्यों में 40 रुपये प्रति बैग तक कीमतें बढ़ गई है.
इनक्रेड इक्विटीज रिपोर्ट के मुताबिक दिसंबर में सभी रीजन में 10-15 रुपये प्रति बैग तक सीमेंट के दामों में बढ़ोतरी होगी. चुनावों और मानसून के कारण कंट्रक्शन में डिसरप्शन देखने के बाद आधारभूत ढांचे पर काम में तेजी आने की उम्मीद है. सरकार की ओर से मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में कैपिटल एक्सपेंडिटर में तेजी आएगी. इसे भूनाने के लिए सीमेंट के दाम बढ़ा दिए गए हैं.
बहरहाल सीमेंट के दामों में बढ़ोतरी के बाद हाउसिंग सेक्टर में कंस्ट्रक्शन लागत का बढ़ना तय है जिसका खामियाजा यूजर्स को उठाना होगा. हाल ही में रियल एस्टेट कंसलटेंट कोलियर्स इंडिया ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि बिल्डिंग मटेरियल्स और लेबर कॉस्ट के महंगे होने के चलते हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के औसत कंस्ट्रक्शन लागत में बीते चार सालों में 39 फीसदी का उछाल आया है. कोलियर्स इंडिया के डेटा के मुताबिक अक्टूबर 2020 में प्रीमियम हाउसिंग प्रोजेक्ट्स (Premium Housing Projects) में औसत कंस्ट्रक्शन लागत 2000 रुपये प्रति वर्ग फुट था जो मौजूदा वर्ष 2024 के अक्टूबर महीने में बढ़कर 2780 रुपये प्रति वर्ग फुट पर जा पहुंचा है. यानि पिछले चार सालों में कंस्ट्रक्शन कॉस्ट में 780 रुपये प्रति वर्ग फुट बढ़ा है.
डेटा के मुताबिक पिछले एक साल में हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के कंस्ट्रक्शन की औसत लागत में 11 फीसदी की बढ़ोतरी आई है. लेबर कॉस्ट में बड़ी बढ़ोतरी के साथ रेत, ईंट, कांच, लकड़ी जैसी कंस्ट्रक्शन सामग्री की कीमतों में इजाफा के चलते घरों का निर्माण करना महंगा हुआ है. सीमेंट, स्टील, कॉपर और एल्युमीनियम की कीमतों में मामूली बढ़ोतरी देखने को मिली थी. लेकिन लेबर कॉस्ट में एक साल में 25 फीसदी की बढ़ोतरी के चलते कंस्ट्रक्शन कॉस्ट में बड़ा इजाफा देखने को मिला है.
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