Windfall Tax Cut: अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दामों में गिरावट आई है जिसके बाद केंद्र सरकार ने गुरूवार को घरेलू कच्चे तेल पर लगने वाले विंडफॉल टैक्स घटाने का फैसला किया है. सरकार ने डीजल के एक्सपोर्ट पर लगने वाले एक्सपोर्ट टैक्स को भी घटा दिया गया है. सरकार ने नोटिफिकेशन जारी करते हुए घरेलू कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स को 10,200 रुपये  से घटाकर 4900 रुपये प्रति टन करने का फैसला किया है. वहीं डीजल पर लगने वाले एक्सपोर्ट टैक्स को भी 10.50 रुपये से घटाकर 8 रुपये प्रति लीटर करने का फैसला लिया है यानि 2.50 रुपये लीटर की कटौती की गई है. 


विंडफॉल टैक्स एक तय सीमा से ऊपर प्रोड्यूसर्स को मिलने वाले कीमतों पर तय किया जाता है. वहीं एक्सपोर्ट टैक्स लागत और इंटरनेशनल ऑयल प्राइस के बीच के अंतर पर लगाया जाता है. केंद्र सरकार ने एक जुलाई 2022 से देश की ऑयल रिफानिंग और मार्केटिंग कंपनियों पर निर्यात से हो रहे बड़े फायदे के मद्देनजर विंडफॉल टैक्स ( Windfall Tax) लगाने का फैसला किया था जिसकी हर 15 दिनों पर समीक्षा की जाती है.सरकार ने पेट्रोल डीजल और एटीएफ के निर्यात पर एक्सपोर्ट ड्यूटी बढ़ाने का फैसला लिया था.  


सरकार के इस फैसले रिलायंस इंडस्ट्रीज को फायदा होगा क्योंकि कंपनी पेट्रोल डीजल और हवाई ईंधन की बड़ी एक्सपोर्टरों में से एक है.वहीं क्रूड ऑयल का प्रोडक्शन भी करती है. ओएनजीसी,ऑयल इंडिया को भी इस फैसले का फायदा होगा.  


दरअसल रूस और यूक्रेन युद्ध के चलते देश की सरकारी और खासतौर से प्राइवेट ऑयल रिफाइनरी कंपनियां रूस से सस्ते में कच्चा तेल आयात कर उसे रिफाइन करने के बाद ऊंचे दामों पर विदेशों में पेट्रोल डीजल और हवाई ईंधन बेच रही थी जिससे उन्हें जबरदस्त मुनाफा हो रहा था. वहीं घरेलू कच्चे तेल के भी एक्सपोर्ट पर भी इन कंपनियों को फायदा हो रहा था.  जिसके चलते सरकार ने इन कंपनियों पर विंडफॉल टैक्स लगाने का फैसला लिया था. 


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