(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
India Debt: भारत सरकार पर 185.27 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा कर्ज का बोझ, 7 वर्षों में 98.65% का उछाल
Central Government Debt: कोरोना वाले वर्ष 2020-21 में कर्ज का बोझ बढ़कर 121.86 लाख करोड़ रुपये जीडीपी का 61.4 फीसदी तक चला गया था.
Central Government Debt Update: भारत सरकार पर कर्ज का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है. मौजूदा वित्त वर्ष 2024-25 के बजट अनुमान के आंकड़े को जोड़ लें तो सात सालों में भारत सरकार पर बकाया कर्ज दोगुना होने का अनुमान है. वित्त वर्ष 2018-19 में केंद्र सरकार पर 93.26 लाख करोड़ रुपये कर्ज का बोझ था जो 2024-25 में बजट अनुमानों के मुताबिक 185.27 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है जो देश की जीडीपी का 56.8 फीसदी है. लोकसभा में सरकार ने लिखित में ये जवाब दिया है.
7 वर्ष में सरकार पर बढ़ा कर्ज का बोझ
लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान सांसद खलिलपुर रहमान ने वित्त मंत्री से सवाल कर पिछले छह वर्षों के दौरान सरकार पर बकाये लोन का ब्योरा मांगा. उन्होंने वित्त मंत्री से पूछा क्या भारत सरकार पर बकाये कर्ज में बढ़ोतरी हुई है? इस प्रश्न का लिखित जवाब देते हुए वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने पिछले सात वित्त वर्ष के दौरान केंद्र सरकार पर बकाये कर्ज के डिटेल्स देते हुए बताया, वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान सरकार पर कुल 93.26 लाख करोड़ रुपये का कर्ज बकाया था जो कि जीडीपी का 49.3 फीसदी था.
2020-21 में GDP का 61.4% रहा था कर्ज
वित्त राज्यमंत्री के मुताबिक 2019-20 में सरकार पर कर्ज का बोझ बढ़कर 105.07 लाख करोड़ रुपये हो गया जो जीडीपी का 52.3 फीसदी था. वित्त वर्ष 2020-21 जब देश में कोरोना ने दस्तक दिया उस वर्ष सरकार पर बकाया कर्ज बढ़कर 121.86 लाख करोड़ रुपये हो गया और कुल कर्ज जीडीपी का 61.4 फीसदी हो गया. वित्त राज्यमंत्री के मुताबिक ऐसा कोविड महामारी के चलते हुआ. वित्त वर्ष 2021-22 में केंद्र सरकार पर बकाया कर्ज बढ़कर 138.66 लाख करोड़ रुपये हो गया जो जीडीपी का 58.8 फीसदी था. वित्त वर्ष 2022-23 जब वैश्विक तनाव बढ़ गया उस वर्ष केंद्र सरकार पर बकाये कर्ज का बोझ 156.13 लाख करोड़ रुपये हो गया जो जीडीपी का 57.9 फीसदी रहा था.
7 वर्षों में 98.65 फीसदी बढ़ गया कर्ज का बोझ
वित्त राज्यमंत्री के मुताबिक वित्त वर्ष 2023-24 में सरकार पर बकाया कर्ज बढ़कर 171.78 लाख करोड़ रुपये हो गया जो कि जीडीपी का 58.2 फीसदी है. हालांकि ये अभी प्रॉविजन डेटा है. मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान कर्ज में और बढ़ोतरी होने का अनुमान है और ये बढ़कर 185.27 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है जो कि जीडीपी का 56.8 फीसदी रह सकता है. ऐसे में पिछले सात वर्षों में भारत सरकार के कर्ज में 92.01 लाख करोड़ या 98.65 फीसदी की बढ़ोतरी आई है. सरकार पर बकाये कर्ज में एक्सटर्नल डेट भी शामिल है.
कर्ज के बोझ से भारत बनेगा 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी!
वित्त मंत्री से खलिलपुर रहमान से सवाल किया क्या कर्ज के बोझ को बढ़ाकर सरकार भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाएगी? इस प्रश्न के जवाब में वित्त राज्यमंत्री ने कहा, इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड के अप्रैल 2024 में जारी किए गए वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक के मुताबिक भारत का जीडीपी वित्त वर्ष 2023-24 में 3.57 ट्रिलियन डॉलर का हो चुका है.
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