Electricity Production: आने वाले दिनों में पांच राज्यों विधानसभा चुनाव से लेकर 2024 में लोकसभा चुनाव होने वाला है. लोकसभा चुनाव के लिए जब मतदान पड़ रहा होगा तब गर्मी चरम पर होगी. ऐसे में चुनावों तक देश में निर्बाध तरीके से बिजली की आपूर्ति बनाये रखने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने बिजली की बढ़ती मांग और घरेलू कोयले की आपूर्ति में कमी को देखते हुए इंपोर्टेड कोयले से संचालित थर्मल पावर प्लांट को 30 जून, 2024 तक पूरी क्षमता के साथ प्रोडक्शन चालू रखने का निर्देश दिया है.
ऊर्जा मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए नोटिफिकेशन के मुताबिक सरकार ने इंपोर्टेड कोयले से चलने वाली थर्मल पावर प्लांट को 30 जून, 2024 यानि लोकसभा संपन्न होने तक आयातित कोयले से चलने वाले बिजली प्लांट्स को पूरी क्षमता पर काम करने का आदेश दिया दिया है. देश में बिजली की मांग में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है लेकिन थर्मल पावर प्लांट से उत्पादन होने वाली बिजली के लिए घरेलू कोयले की सप्लाई में कमी के बाद केंद्र सरकार ने ये बड़ा फैसला लिया है. पहले सरकार ने इंपोर्टेड कोयले पर आधारित पावर प्लांट को पूरी क्षमता पर संचालित करने के अपने निर्देश को 31 अक्टूबर, 2023 तक के लिए बढ़ा दिया था.
मार्च 2023 में सरकार ने पहली बार इंपोर्टेड कोल-बेस्ड पावर प्लांट्स को बिजली अधिनियम की धारा 11 के तहत पूरी क्षमता से प्रोडक्शन करने का निर्देश दिया था. इस धारा के तहत सरकार असाधारण परिस्थितियों में अपने निर्देशों के अनुरूप किसी भी उत्पादन संयंत्र का संचालन एवं रखरखाव करने का निर्देश उत्पादक कंपनी को दे सकती है. ऊर्जा मंत्रालय ने अपने नोटिफिकेशन में कहा कि सेंट्रल इलेक्ट्रसिटी अथॉरिटी के साथ सलाह मशविरा के बाद सरकार ने आयातित कोयला आधारित उत्पादकों के लिए धारा 11 के तहत दिए गए निर्देश की अवधि 30 जून, 2024 तक बढ़ाने का फैसला किया गया है.
बिजली मंत्रालय ने कहा है कि बिजली की मांग बढ़ने, घरेलू कोयले की पर्याप्त आपूर्ति ना होने और हाइड्रो पावर उत्पादन की कम उपलब्धता को देखते हुए यह जरूरी है कि आयातित कोयला-आधारित उत्पादन संयंत्रों से पर्याप्त बिजली उपलब्ध हो. सरकार का ये नोटिफिकेशन अडाणी पावर मुंद्रा, एस्सार पावर गुजरात, जेएसडब्ल्यू रत्नागिरी और टाटा ट्रॉम्बे समेत तमाम आयातित कोयला-आधारित संयंत्रों को भेजा गया है.
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