Edible Oil Companies in India: देश में बढ़ती महंगाई के बीच आम जनता को राहत देने के लिए केंद्र सरकार (Central government) ने बड़ा कदम उठाया है. सरकार ने खाने वाले तेल की कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए नया प्लान बना है, जिससे आम जनता को खाने के तेल की कीमतों (edible oil price) पर राहत मिल सके. तेल और तिलहनों की कीमतों पर नियंत्रण के लिए केंद्र ने राज्यों से जिंसों पर भंडारण की सीमा के आदेश को लागू करने को कहा है.


राज्यों को दिए आदेश
केंद्र ने राज्यों से कहा है कि वे आपूर्ति श्रृंखला और व्यापार को बाधित किए बिना इस आदेश को लागू करें. केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने तीन फरवरी को खाद्य तेलों और तिलहनों पर भंडार सीमा को तीन महीने यानी 30 जून तक बढ़ाने का आदेश दिया था. आदेश में भंडारण की सीमा का भी उल्लेख था.


आम जनता पर न पड़े महंगाई की मार
मंत्रालय ने सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के साथ इस योजना को लागू करने के आदेश दिए हैं, जिससे कि आम जनता को महंगे तेल की मार न सहनी पड़े. मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘बैठक के दौरान इस बात पर जोर दिया गया कि राज्य/संघ शासित प्रदेश स्टॉक सीमा के आदेश को लागू करें, लेकिन इस आदेश को लागू करते समय यह सुनिश्चित किया जाए कि आपूर्ति श्रृंखला और कारोबार में किसी तरह की अड़चन न आने पाए.’’


बयान जारी कर दी जानकारी
बयान में कहा गया है कि इस कदम से अनुचित व्यवहार मसलन जमाखोरी, कालाबाजारी पर रोक लगेगी. राज्यों को खाद्य तेलों के मौजूदा अंतरराष्ट्रीय मूल्य परिदृश्य के बारे में भी बताया है. राज्यों को इस बात की जानकारी दी गई कि अंतरराष्ट्रीय कीमतें किस तरह से भारतीय बाजार को प्रभावित कर रही हैं.


90 दिन के बराबर का स्टॉक रखें
खाद्य तेलों के मामले में खुदरा कारोबारियों के लिए भंडारण की सीमा 30 क्विंटल है. थोक व्यापारियों के लिए यह 500 क्विंटल, थोक उपभोक्ताओं की खुदरा दुकानों मसलन बड़ी श्रृंखला और रिटेलर के लिए यह सीमा 30 क्विंटल और उनके डिपो के लिए 1,000 क्विंटल है. खाद्य तेलों के प्रसंस्करणकर्ता अपनी भंडारण क्षमता के 90 दिन के बराबर का स्टॉक रख सकते हैं. 


थोक व्यापारियों के लिए 2,000 क्विंटल है सीमा
वहीं, तिलहनों के मामले में खुदरा कारोबारियों के लिए भंडारण की सीमा 100 क्विंटल और थोक व्यापारियों के लिए 2,000 क्विंटल है. खाद्य तिलहनों के प्रसंस्करणकर्ता 90 दिन के खाद्य तेलों के उत्पादन के बराबर तिलहनों का स्टॉक रख पाएंगे. इस आदेश के दायरे से निर्यातकों और आयातकों को कुछ शर्तों के साथ बाहर रखा गया है.


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