एनपीएस के बढ़ते विरोध के बाद केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों को न्यूनतम पेंशन देने का ले सकती है फैसला
OPS vs NPS: केंद्र सरकार ने ओल्ड पेंशन स्कीम की मांग के मद्देनजर नेशनल पेंशन स्कीम के बढ़ते विरोध के बीच वित्त सचिव की अध्यक्षता में कमिटी बनाने का एलान किया था.
Minimum Pension Assurance: ओल्ड पेंशन स्कीम की बढ़ती मांग के बीच केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों को न्यूनतम पेंशन देने का फैसला ले सकती है. केंद्र सरकार कर्मचारियों के ड्रॉ किए गए आखिरी सैलेरी का 40 से 45 फीसदी न्यूनतम पेंशन देने का भरोसा दे सकती है. रॉयटर्स के हवाले से ये खबर सामने आई है.
केंद्र सरकार ने ओल्ड पेंशन स्कीम की मांग के मद्देनजर नेशनल पेंशन स्कीम के बढ़ते विरोध के बीच वित्त सचिव की अध्यक्षता में कमिटी बनाने का एलान किया था जो एनपीएस को आकर्षक बनाने को लेकर विचार कर रही है. ये माना जा रहा है कि कर्मचारियों को केंद्र सरकार मौजूदा मार्केट लिंक्ड पेंशन स्कीम में बदलाव कर सकती है जिससे एनपीएस को लेकर केंद्रीय कर्मचारियों में नाराजगी को कम किया जा सके.
कई कांग्रेस शासित राज्य अपने राज्यों में एनपीएस को खत्म कर ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू करते जा रहे हैं जिसके चलते केंद्र और राज्य सरकार के बीच तकरार भी देखा गया है. जिसके बाद मोदी सरकार को मौजूदा पेंशन स्कीम की समीक्षा करने का फैसला लेना पड़ा.
कमिटी के टर्म्स ऑफ रिफरेंस पर नजर डालें तो वो इस बात पर विचार कर रहे हैं कि क्या मौजूदा नेशनल पेंशन सिस्टम के फ्रेमवर्क और स्ट्रक्चर में बदलाव किए जाने की जरुरत है. अगर कमिटी बदलाव की जरुरत महसूस करती है तो क्या बदलाव किए जा सकते हैं जिससे नेशनल पेंशन स्कीम में सरकारी कर्मचारियों के पेंशन में सुधार किया जा सके
मौजूदा एनपीएस में कर्मचारियों को बेसिक सैलेरी का 10 फीसदी योगदान करना होता है और 14 फीसदी योगदान सरकार देती है. और रिटर्न कुल कॉरपस पर मिलने वाले मार्केट रिटर्न्स पर निर्भर करता है जो कि सरकार के डेट में निवेश किया जाता है. ओल्ड पेंशन स्कीम में कर्मचारी के रिटॉयरमेंट से पहले आखिरी सैलेरी पर 50 फीसदी का फिक्स्ड पेंशन मिलता है.
नेशनल पेंशन स्कीम लेकर केंद्र और विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों के बीच घमासान छिड़ा हुआ है. केंद्र सरकार समेत राज्य सरकार के कर्मचारी इन दिनों नेशनल पेंशन स्कीम को विरोध करते हुए पुरानी पेंशन स्कीम को फिर से बहाल करने की मांग कर रहे हैं. विवाद इसलिए भी बढ़ता जा रहा है क्योंकि कांग्रेस शासित राज्य जैसे हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, छतीसगढ़ जैसे राज्यों में पुरानी पेंशन स्कीम को फिर से बहाल कर दिया गया. जिसके बाद एनपीएस की समीक्षा करने का सरकार पर दबाव बढ़ गया था.
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